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न्यूयार्क: ट्रंप टावर के बाहर जब एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कुछ धुर समर्थक और दूसरी ओर ट्रंप विरोधी कुछ प्रदर्शनकारी आमने-सामने की स्थिति में आए तो यह साफ हो गया कि दोनों पक्षों के बीच की खाई कितनी गहरी हो चुकी है। ट्रंप के समर्थन में कल यहां आयोजित हुआ प्रदर्शन 20 जनवरी को उनके शपथग्रहण करने के बाद से राष्ट्रपति के गृहनगर में हुआ पहला सबसे बड़ा प्रदर्शन था। प्रदर्शनकारियों ने अपने साथी अमेरिकियों से अपील की कि वे राष्ट्रपति को एक मौका दें। इन प्रदर्शनकारियों ने सात मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले लोगों पर लगाए गए विवादित यात्रा प्रतिबंध का समर्थन किया। इन प्रदर्शनकारियों के हाथ में पकड़े सफेद बैनर पर लिखा था, ‘ट्रंप युग का स्वागत करें।’ ट्रंप समर्थकों के प्रदर्शन करने के दौरान कुछ ही समय बाद ट्रंप विरोधी पर सड़क पर उतर आए और वे अपने संदेश सुनाने के लिए आतुर थे। ट्रंप के विरोधी ‘न प्रतिबंध, न दीवार, शरणार्थियों का यहां स्वागत है’’ के नारे को गीत के रूप में गा रहे थे।

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रमों पर अंकुश लगाने के वास्ते पिछले वर्ष हुए परमाणु समझौते को ‘सबसे खराब’ समझौता करार देते हुए इस देश को विश्व का नबंर एक आतंकवादी देश बताया है। ट्रंप ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘वह (ईरानी) विश्व का नबंर एक आतंकवादी देश है। वे धन और हथियारों को हर कहीं भेज रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह एक ऐसा समझौता है जो कभी होना ही नहीं चाहिए।’ ट्रंप प्रशासन ने ईरान के कथित रूप से अस्थिरता पैदा करने वाले व्यवहार एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का कथित उल्लंघन करते हुए बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण के कारण उसके खिलाफ अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए थे। ट्रंप ने कहा, ‘यह समझौता ओबामा प्रशासन ने किया था। यह शर्मनाक है कि हमने इस तरह का समझौता किया और हमें इस तरह का समझौता करना पड़ा। ऐसा करने का कोई कारण नहीं था। यदि आपको समझौता करना है तो अच्छा समझौता कीजिए। ’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईरान के साथ हुए समझौते को समाप्त कर देंगे।, उन्होंने कहा, ‘देखते हैं कि क्या होता है।

काबुल/ इस्लामाबाद: अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भीषण हिमपात से आए हिमस्खलन में कम से कम 114 लोगों की मौत हो गई। इनमें से अकेले अफगानिस्तान में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। अफगानिस्तान में पिछले तीन दिन की बर्फबारी में कई घर मलबे में तब्दील हो गए और मुख्य रास्ते बंद हो गए। इसके चलते राहत एवं बचावकर्मियों को प्रभावित इलाकों में पहुंचने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। फिलहाल बर्फ हटाने और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकलने की कोशिश की जा रही है। प्राकृतिक आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद उमर मोहम्मदी ने बताया कि पिछले तीन दिन की भीषण बर्फबारी के बाद हुए हिमस्खलन की सबसे ज्यादा चपेट में अफगानिस्तान के मध्य और पूर्वोत्तर प्रांत आए। 168 घर मलबे में तब्दील हो गए और सड़कों पर बर्फ जम गई। इसके चलते राहत एवं बचाव कार्य में भारी दिक्कत आ रही है। हिमस्खलन के चलते दो गांव जमींदोज ​अफगानिस्तान में कम से कम 100 लोगों की जान गई है, जिसमें से 50 मृतक एक गांव ही के हैं। उन्होंने बताया कि हिमस्खलन के चलते दो गांव जमींदोज हो गए। इसके अलावा रविवार को पाकिस्तान के शेर शाह इलाके के चित्राल में हिमस्खलन से कम से कम 25 घर मलबे में तब्दील हो गए और पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए। इस आपदा में अब तक पाकिस्तान में कम से कम 14 लोगों की जान गई।

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति माइक पेंस ने आज प्रसारित हुए एक साक्षात्कार में ईरान को चेतावनी दी कि वो डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के ‘संकल्प की परीक्षा’ न ले। अमेरिका ने कुछ दिन पहले बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण पर ईरान पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में काफी गिरावट आई है। ट्रंप ने वादा किया था कि वो अमेरिकी हितों को लेकर ईरान के अड़ियल रवैये के खिलाफ सख्त रूख अपनाएंगे। पेंस ने एबीसी न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘कैलेंडर पर नजर रख ईरान ये बेहतर से समझ सकता है कि ओवल ऑफिस में नए राष्ट्रपति आ चुके हैं। और ये ईरान के लिए बेहतर होगा कि वो नए राष्ट्रपति के संकल्प का इम्तिहान न ले।’ इससे पहले ट्रंप प्रशासन में पेंटागन प्रमुख जेम्स मेटिस ने पिछले हफ्ते एलान किया था कि ईरान ‘दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद’ का केंद्र है।

 

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