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वाशिंगटन: मिसाइल परीक्षण को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को ईरान की तरफ से खारिज किए जाने के बाद अमेरिका ने आज दो दर्जन से अधिक ईरानी इकाइयों पर प्रतिबंध लगा दिए। प्रतिबंधों का एलान उस वक्त किया गया है जब एक दिन पहले ट्रंप ने कथित अस्थिरकारी व्यवहार और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का कथित तौर पर उल्लंघन करते हुए बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने पर ईरान को चेतावनी दी थी। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान ने पहली बार बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। तेहरान का कहना है कि उसकी मिसाइलें संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन नहीं हैं क्योंकि वे सिर्फ रक्षा उद्देश्यों के लिए हैं तथा उनको परमाणु हथियार ले जाने के सक्षम नहीं बनाया गया है। खबरों के अनुसार ईरान के मिसाइल परीक्षण तेहरान से करीब 225 किलोमीटर पूर्व सेमनान इलाके में किया गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 600 मील है। अमेरिकी वित्त विभाग ने एक बसान में कहा कि ईरान की कई ऐसे इकाइयों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं जो जो ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी एवं सामाग्री हासिल करने में सहयोग देने तथा ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर-कुद्स फोर्स को मदद देने में शामिल हैं।

लाहौर: पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आज कहा कि उनकी सेना सरहद पार से किसी दुस्साहस का मुंह-तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है और भारत के कथित संघर्ष विराम उल्लंघन पर अपनी सेना की कार्रवाई की सराहना की। बाजवा ने लाहौर छावनी का दौरा किया जहां उन्होंने सैनिकों के साथ बात की और पाकिस्तानी अवाम की उम्मीदों पर हमेशा खरा उतरने का पाकिस्तानी सेना का संकल्प दोहराया। उनकी यह टिप्पणी उसके बाद आई। इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन्स की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार बाजवा ने पाकिस्तानी बलों की तैयारी पर संतोष जताया और कार्यकारी सीमा से लगे इलाके में भारतीय सैनिकों की तरफ से जारी संघषर्विराम उल्लंघन पर पंजाब रेंजर्स के जवाब की तारीफ की।’ पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स सरहद पार से किसी दुस्साहस का मुंह-तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।’ उन्होंने कहा कि भारत निर्दोष कश्मीरियों के खिलाफ भारतीय सेना के जुल्मों से दुनिया की निगाह हटाने की कोशिश कर रहा है।

वैलेटा: फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोपीय संघ पर बनाए जा रहे दबाव को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए इसकी आलोचना की। माल्टा में यूरोपीस संघ के एक शिखर सम्मेलन में ओलांद ने संवाददाताओं से कहा, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति की ओर से दिए गए कुछ बयान अस्वीकार्य होना चाहिए। यूरोपीय संघ पर दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘कौन जानता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति क्या चाहते हैं, खासकर अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ के लिए क्या चाहते हैं तथा खचरें को साझा वहन करने पर वह क्या चाहते हैं जिसे उन्होंने बोझ करार दिया है।’ जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन के साथ यूरोपीय संघ के निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यूरोप अपनी खुद की योजनाओं के साथ आगे बढ़े।

बीजिंग: चीन आतंकवादी अभियानों के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई छोटी दूरी की अपनी नयी मिसाइलें अन्य देशों को बेचने की योजना बना रहा है।सैन्य ड्रोन निर्यात करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी ‘द चीन एकेडमी ऑफ एयरोस्पेस एयरोडायनमिक्स ने कहा कि उसने छोटी दूरी की, हवा से सतह तक मार करने में सक्षम एआर-2 मिसाइल का उत्तर पश्चिम चीन में हाल ही में परीक्षण किया है। चीन डेली की आज की एक रिपोर्ट के अनुसार यह मिसाइल अमेरिका, फ्रांस और इस्रायली मिसाइलों को कड़ी चुनौती दे सकती हैं। मिसाइल निर्माताओं ने कहा कि यह मिसाइल पांच किलोग्राम मुखास्त्र ले जाने में सक्षम है। इसकी अधिकतम गति 735 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम रेंज आठ किलोमीटर है।

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