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अबू धाबी: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आज कहा कि सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में दाखिल होने पर लगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रोक इस्लाम विरोधी कदम नहीं है। अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि अमेरिका के नए प्रशासन का फैसला किसी धर्म विशेष के खिलाफ है। उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सजेर्ई लावारोव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका ने एक संप्रभु निर्णय लिया है। यह फैसला दुनिया में बड़े पैमाने पर मुसलमानों पर लागू नहीं होता है। यूएई के विदेश मंत्री ने कहा कि प्रतिबंधित सूची में शामिल कुछ देशों में सुरक्षा के मोचेर् पर ढांचागत चुनौतियां हैं जिनसे उनको उबरना है। ट्रंप के विवादित कार्यकारी आदेश के अनुसार ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोगों के अमेरिका में दाखिल होनेे पर रोक रहेगी।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों को अमेरिका की यात्रा से रोकने के उनके फैसले का मकसद बुरे लोगों को अमेरिका से बाहर रखना है।

ट्रंप ने टवीट किया, हर कोई दलील दे रहा है कि यह प्रतिबंध है या नहीं। आप जो चाहते हैं वो कहिए, लेकिन यह बुरे लोगो को अमेरिका से बाहर रखने के लिए किया गया है। इससे पहले व्हाइट हाउस के पे्रस सचिव सीन स्पाइसर ने इस बात को खारिज कर दिया कि ट्रंप ने प्रतिबंध लगाया है। वैसे, ट्रंप और स्पाइसर दोनों ने हाल ही में जारी कार्यकारी आदेश को प्रतिबंध बताया था। ट्रंप के विवादित कार्यकारी आदेश के अनुसार ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोगों के अमेरिका में दाखिल होने पर रोक रहेगी।

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