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वाशिंगटन: मिसाइल परीक्षण को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को ईरान की तरफ से खारिज किए जाने के बाद अमेरिका ने आज दो दर्जन से अधिक ईरानी इकाइयों पर प्रतिबंध लगा दिए। प्रतिबंधों का एलान उस वक्त किया गया है जब एक दिन पहले ट्रंप ने कथित अस्थिरकारी व्यवहार और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का कथित तौर पर उल्लंघन करते हुए बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने पर ईरान को चेतावनी दी थी। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान ने पहली बार बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। तेहरान का कहना है कि उसकी मिसाइलें संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन नहीं हैं क्योंकि वे सिर्फ रक्षा उद्देश्यों के लिए हैं तथा उनको परमाणु हथियार ले जाने के सक्षम नहीं बनाया गया है। खबरों के अनुसार ईरान के मिसाइल परीक्षण तेहरान से करीब 225 किलोमीटर पूर्व सेमनान इलाके में किया गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 600 मील है। अमेरिकी वित्त विभाग ने एक बसान में कहा कि ईरान की कई ऐसे इकाइयों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं जो जो ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी एवं सामाग्री हासिल करने में सहयोग देने तथा ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर-कुद्स फोर्स को मदद देने में शामिल हैं।

वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण काया्रलय के कार्यकारी निदेशक जॉन ई स्मिथ ने कहा, ‘आतंकवाद को ईरान के निरंतर सहयोग और इसके बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के विकास ने क्षेत्र, दुनिया भर में हमारे साझेदारों और अमेरिका के लिए खतरा पैदा किया है।’ उधर, ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने अमेरिकी चेतावनी का हवाला देते हुए कहा कि खतरों का सामना करने के बावजूद उनका देश कभी युद्ध नहीं छेड़ेगा। मिसाइल परीक्षण को लेकर तेहरान द्वारा वाशिंगटन की चेतावनी को खारिज किए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज आरोप लगाया था कि ईरान ‘आग के साथ खेल रहा है।’

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