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मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बात की। पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेताते हुए कहा कि रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले के दावे सिर्फ भड़काने वाली अनुमानबाजी है। हालांकि, इस बीच मैक्रों ने भी पुतिन को स्पष्ट लहजे में कहा है कि अगर रूसी सेना का बॉर्डर पर जुटना जारी रहा, तो गंभीरता से समझौते के मौके कम होते जाएंगे। वहीं, पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी फोन पर बात की।

रूस का दावा, अमेरिकी पनडुब्बी को खदेड़ा

इस बीच मॉस्को ने दावा किया है कि उसने प्रशांत महासागर में गश्त कर रही एक अमेरिकी सबमरीन का पीछा कर उसे खदेड़ दिया। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले में रूस ने अमेरिकी रक्षा अधिकारी को भी तलब किया और अपने समुद्री दायरे में अमेरिकी सबमरीन के घुसने की शिकायत की।

नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर निशाना साधा है। उन्‍होंने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा स्थिति चीन द्वारा सीमा पर सैनिकों को एकत्र न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना करने के कारण पैदा हुई है। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि जब कोई बड़ा देश लिखित समझौतों की अवहेलना करता है तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय होता है। उन्होंने भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पर एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया।

यह पूछे जाने पर कि क्या शुक्रवार को यहां 'क्वाड' के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा हुई, जयशंकर ने ‘‘हां'' में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हां, हमने (क्वाड) भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह, हमारे पड़ोस में होने वाले घटनाक्रम की जानकारी एक दूसरे को देने के तरीके का एक हिस्सा है। यह एक ऐसा मसला है जिनमें कई देशों ने को रुचि है। खासतौर से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश।''

नई दिल्ली: व्हाइट हाउस ने अपनी इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि भारत महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रहा है। अमेरिका ने कहा है कि भारत विशेष रूप से चीन के व्यवहार और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी पक्ष के व्यवहार से परेशान है। शुक्रवार को जारी की गई इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजिक रिपोर्ट राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन की पहली क्षेत्र विशिष्ट रिपोर्ट है। यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थिति को मजबूत करने, क्षेत्र की मजबूती और इस प्रक्रिया में भारत के उदय और क्षेत्रीय नेतृत्व प्रक्रिया में समर्थन करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य ताकत को मिला रहा है।

रिपोर्ट में व्हाइट हाउस ने कहा, "हम एक रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना जारी रखेंगे जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत दक्षिण एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक साथ और क्षेत्रीय समूहों के माध्यम से काम करते रहेंगे।

केनबरा: ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में शुक्रवार को चौथे क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू हुई। बैठक में भारत, जापान, अमेरिका और मेजबान ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री शामिल हो रहे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक में कहा कि चारों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं, अब क्वाड में भी हमारे रिश्ते मजबूत होना चाहिए।

क्वाड देशों के विदेश मंत्री सुरक्षा, अर्थव्यवस्था तथा कोरोना महामारी के अलावा स्वतंत्र व मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। यूक्रेन संकट को लेकर भी चर्चा हो सकती है। चतुर्भुज सुरक्षा संगठन (क्वाड) में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका साझेदार हैं। चारों देश खुलेपन और पारदर्शिता के साथ चीन व यूक्रेन के हालात पर पेश चुनौतियों के प्रति प्रतिबद्धता साझा करते हैं।

बैठक में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और जापानी विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा शामिल हैं। सभी नेता क्वाड के सकारात्मक और महत्वाकांक्षी एजेंडे पर चर्चा करेंगे।

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