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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस दावे को बकवास बताया है, जिसमें पुतिन ने कहा है कि जिन सैनिकों को पूर्वी यूक्रेन भेजने का आदेश दिया है, वे सैनिक शांतिदूत होंगे।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, अमेरिकी दूत ने यूक्रेन संकट पर बुलाई गई सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में कहा, "हम जानते हैं कि वे वास्तविकता क्या है?" अमेरिका ने कहा कि यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों को स्वतंत्र मान्यता देना क्षेत्र में युद्ध को भड़काने का बहाना है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने 15 सदस्यीय परिषद की आपात बैठक में कहा, "रूस की कार्रवाइयों के परिणाम पूरे यूक्रेन, पूरे यूरोप और दुनिया भर में भयानक होंगे।"

रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव के बीच रूस ने यूक्रेन सीमाओं के पास 150,000 सैनिकों को तैनात कर रखा है। हालांकि, रूस ने इस बात से इंकार किया है कि वह यूक्रेन पर आक्रमण करना चाहता है और पश्चिमी देशों पर ही उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है।

संयुक्त राष्ट्र: यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ती तल्खी और युद्ध के गहराते संकट के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सभा पक्षों के बीच कूटनीटिक और राजनयिक बातचीत का आह्वान किया है। भारत ने कहा है कि सैन्य वृद्धि हमारे लिए ठीक नहीं है।

यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "रूस-यूक्रेन संकट की तत्काल प्राथमिकता डी-एस्केलेशन है। सीमा पर सैन्य वृद्धि हमारे लिए सही कदम नहीं हो सकता है। हम सभी पक्षों से संयम का आह्वान करते हैं। हम आश्वस्त हैं कि यह मुद्दा केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। हमें तनाव को कम करने की कोशिश करने वाली पार्टियों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को जगह देने की जरूरत है।" तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में कहा कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। तिरुमूर्ति ने कहा, दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है।

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों डोनेट्स्क और लुगांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। पश्चिमी देशों की पाबंदी लगाने की चेतावनी के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ने राज्य द्वारा संचालित टेलीविजन पर प्रसारित अपने भावनात्मक संबोधन में दोनों इलाकों की स्वतंत्रता की मान्यता दी। रूस के इस कदम से पश्चिमी देशों और यूक्रेन से तनाव बढ़ने की आशंका गहरा गई है।

टेलीविजन पर पुतिन ने कहा, "मेरा मानना ​​​​है कि डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की स्वतंत्रता और संप्रभुता को तुरंत पहचानने के लिए एक लंबे समय से लंबित निर्णय लेना आवश्यक है।" क्रेमलिन में विद्रोही नेताओं के साथ पारस्परिक सहायता समझौतों पर हस्ताक्षर करने से पहले रूस के राष्ट्रपति ने यह बात कही।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी कदम की निंदा की है। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर से बात की है।

मास्को: रूस-यूक्रेन तनाव फिलहाल घटता नहीं दिख रहा है और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के तेवर और सख्त हो गए हैं। एएफपी ने व्लादिमीर पुतिन के हवाले से कहा कि यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांति योजना की कोई संभावना नहीं है। पूर्वी यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को रूसी सुरक्षा परिषद की एक असाधारण बैठक की।

इस बैठक में पुतिन ने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी गणराज्यों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के अनुरोध पर विचार कर रहा है। पूर्वी यूक्रेन के दो स्व-घोषित गणराज्यों के विद्रोही नेताओं ने पुतिन से अपनी स्वतंत्रता को मान्यता देने की अपील की थी। वहीं, रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ गुरुवार को जिनेवा में मुलाकात करने की बात कही है। रूस का दावा है कि सेना की बढ़ोतरी हमेशा सैन्य अभ्यास के लिए रही है और इससे यूक्रेन या किसी अन्य देश को कोई खतरा नहीं है। लेकिन शीत युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़ी सैन्य शक्ति के जमावड़े को लेकर रूस ने कोई स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया है।

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