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नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर निशाना साधा है। उन्‍होंने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा स्थिति चीन द्वारा सीमा पर सैनिकों को एकत्र न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना करने के कारण पैदा हुई है। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि जब कोई बड़ा देश लिखित समझौतों की अवहेलना करता है तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय होता है। उन्होंने भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पर एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया।

यह पूछे जाने पर कि क्या शुक्रवार को यहां 'क्वाड' के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा हुई, जयशंकर ने ‘‘हां'' में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हां, हमने (क्वाड) भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह, हमारे पड़ोस में होने वाले घटनाक्रम की जानकारी एक दूसरे को देने के तरीके का एक हिस्सा है। यह एक ऐसा मसला है जिनमें कई देशों ने को रुचि है। खासतौर से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश।''

गौरतलब है कि पैंगोंग झील में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा हुआ तथा दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों को सीमा पर भेजकर अपनी तैनाती धीरे-धीरे बढ़ा ली है। दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव पैदा हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया शुक्रवार को मेलबर्न में चौथी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की मेजबानी कर रहा है और इसमें शीर्ष राजनयिक अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, कोरोनावायरस महामारी और स्वतंत्र व खुले इंडो-पैसिफिक सहित क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

वहीं चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड गठबंधन एक ‘‘उपकरण'' की तरह है और यह टकराव को तेज करने के लिए ‘‘जानबूझकर उठाया गया कदम'' है जो सफल नहीं होगा। क्वाड विदेश मंत्रियों के ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में वार्ता शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चीन का मानना ​​है कि क्वाड तंत्र केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है।''

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