केनबरा: ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में शुक्रवार को चौथे क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू हुई। बैठक में भारत, जापान, अमेरिका और मेजबान ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री शामिल हो रहे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक में कहा कि चारों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं, अब क्वाड में भी हमारे रिश्ते मजबूत होना चाहिए।
क्वाड देशों के विदेश मंत्री सुरक्षा, अर्थव्यवस्था तथा कोरोना महामारी के अलावा स्वतंत्र व मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। यूक्रेन संकट को लेकर भी चर्चा हो सकती है। चतुर्भुज सुरक्षा संगठन (क्वाड) में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका साझेदार हैं। चारों देश खुलेपन और पारदर्शिता के साथ चीन व यूक्रेन के हालात पर पेश चुनौतियों के प्रति प्रतिबद्धता साझा करते हैं।
बैठक में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और जापानी विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा शामिल हैं। सभी नेता क्वाड के सकारात्मक और महत्वाकांक्षी एजेंडे पर चर्चा करेंगे।
मारिस पायने ने कहा, क्वाड गठबंधन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ चारों देश एकजुट हैं।
क्वाड ने बहुत अच्छा काम किया: जयशंकर
बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'सितंबर में ऑस्ट्रेलिया, जापान और हमारे देश के पीएम और राष्ट्रपति जो बाइडन ने सामूहिक रूप से हमें मार्गदर्शन दिया था। उन्होंने क्वाड के लिए एक विजन पेश किया। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सब काम में जुटे हुए हैं। मुझे लगता है कि आज की बैठक हमें यह समीक्षा करने का अवसर देती है कि हमने उस पर कितनी प्रगति की है। मुझे लगता है कि क्वाड ने बहुत अच्छा काम किया है। हमारे द्विपक्षीय संबंध बहुत मजबूत रहे हैं। इसी आधार पर क्वाड में प्रगति होगी।'
द्विपक्षीय मजबूत संबंधों का क्वाड को फायदा
इस मौके पर जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। उन्होंने कहा कि क्वाड में हमने काफी प्रगति की है। हमने इसमें काफी समय, ऊर्जा व ध्यान दिया है। हमने इसे ठोस व कार्रवाई करने लायक बनाया है। हमारी टीम ने इसके लिए काम किया, क्योंकि हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं।
हिंद-प्रशांत की घटनाओं से तय होगा सदी का रुख: ब्लिंकेन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका व चिंताओं के बावजूद अमेरिका का ध्यान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक हितों पर केंद्रित है। वे इस समय ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हैं जहां शुक्रवार को उनके भारतीय, ऑस्ट्रेलियाई और जापानी समकक्षों के साथ क्वाड देशों की एक बैठक होनी है।
ये चारो देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के क्वाड गठबंधन का हिस्सा हैं जिसे चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव का मुकाबला करने के मकसद से बनाया गया था। ब्लिंकेन ने ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले सार्वजनिक संबोधन के दौरान कहा, दुनिया में अभी कुछ अन्य प्रकार की चीजें चल रही हैं। रूस द्वारा यूक्रेन पर संभावित हमला हमारे लिए एक चुनौती है। हम उस पर 24 घंटे सात दिन काम कर रहे हैं। लेकिन हमें पता है कि राष्ट्रपति किसी और से अधिक इस बात को समझते हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जो कुछ भी घटेगा उससे इस शताब्दी का रुख तय होगा। ब्लिंकेन ने कहा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र विश्व में सबसे ज्यादा तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र है जहां से पिछले पांच साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में हुई वृद्धि का दो तिहाई हिस्सा आया।