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हॉन्ग कॉन्ग: यूक्रेन पर रूसी हमले और पश्चिमी देशों द्वारा कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस की करेंसी 'रूबल' में सोमवार को डॉलर के मुकाबले लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इससे रूस की अर्थव्यवस्था पर बुरे असर पड़ने के आसार हैं। ब्लूमबर्ग न्यूज ने पहले ही संकेत दिए थे कि आफशोर ट्रेडिंग में 27 प्रतिशत की गिरावट के साथ प्रति डॉलर 114.33 रूबल रिकॉर्ड किया जा सकता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने एक दिन पहले ही कुछ रूसी बैंकों को अंतरराष्ट्रीय बैंक भुगतान प्रणाली स्विफ्ट से बाहर कर दिया है और व्यक्तिगत रूप से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। पश्चिमी देशों ने रूस के केंद्रीय बैंक के साथ सभी लेनदेन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच, जी7 के देशों- कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने चेतावनी दी कि यदि रूस ने यूक्रेन में युद्ध बंद नहीं किया तो वे पहले से घोषित प्रतिबंधों को और आगे बढ़ाते हुए उसमें नए प्रतिबंध जोड़ने के लिए "आगे कदम उठाएंगे।"

नई दिल्‍ली: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दुनिया बेहद चिंतित है। यूक्रेन की मदद के लिए जहां अमेरिका और यूरोपीय देश आगे आए हैं, वहीं रूस यूक्रेन पर शिकंजा और कसने की कोशिशों में जुटा है। पश्चिम के बढ़ते दबाव के बाद रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन ने देश की न्‍यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है। दूसरी ओर, यूक्रेन ने बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत करने पर सहमति जताई है। हालांकि यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा है कि हम न आत्मसमर्पण करेंगे और न ही अपनी एक इंच जमीन छोड़ेंगे।

बेलारूस से बातचीत से पहले यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने युद्ध की शुरुआत के बाद बातचीत शुरू होने से पहले कहा, "हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, हम अपना एक इंच हिस्‍सा भी नहीं छोड़ेंगे।"

रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन ने कहा कि मैंने रक्षा मंत्री और रूसी सशस्त्र बलों के प्रमुख को रूसी परमाणु प्रतिरोधी बलों को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है। साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम पर उनके देश के खिलाफ प्रतिकूल कदम उठाने का आरोप लगाया है।

संयुक्त राष्ट्र: यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा (यूएनजीए) का “आपातकालीन विशेष सत्र” आहूत करने पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में हुए मतदान में भारत ने भाग नहीं लिया। हालांकि, नई दिल्ली ने बेलारूस की सीमा पर बातचीत करने के मास्को और कीव के फैसले का स्वागत किया।

तीन दिनों के अंदर यह दूसरा मौका है, जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन संकट पर वोटिंग से परहेज किया हो। इससे दो दिन पहले यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव को रूस ने वीटो के जरिए बाधित कर दिया था। उस दिन भी भारत ने चीन और यूएई के साथ वोटिंग से परहेज किया था और दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने का आह्वान किया था।

विशेष सत्र आहूत करने पर मतदान के लिए 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की बैठक (स्थानीय समयानुसार) रविवार दोपहर हुई। महासभा के 1950 से अब तक ऐसे केवल 10 सत्र आहूत किये गए हैं।

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों के साथ जारी तनाव के बीच रूसी परमाणु प्रतिरोधी बलों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। इस बीच यूक्रेन ने बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत के हामी भर दी है। इससे पहले रूस-यूक्रेन संकट के समाधान में फिर अड़चन तब आ गई जब यूक्रेन ने बेलारूस में बातचीत करने का रूसी प्रस्ताव ठुकरा दिया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा था कि जहां से हमारे देश पर हमले हुए, वहां हम बातचीत नहीं कर सकते। इससे पहले क्रिमलीन बेलारूस में यूक्रेन के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हो गया था।

रूस के रक्षा, विदेश मंत्रालयों के कई अधिकारी और मंत्री समेत राष्ट्रपति प्रशासन के कई अधिकारी वार्ता के लिए बेलारूस के होमेल शहर पहुंच चुके थे। बेलारूस पहुंचे रूसी दल ने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं और हम यूक्रेन के प्रतिनिधि मंडल का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे बड़े शहर खार्किव में घुस गई हैं, जहां पर युद्ध जारी है।

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