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कीव: रूस-यूक्रेन के संकट के बीच आज यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी भारतीय छात्र तत्काल प्रभाव से कीव शहर को छोड़ दें। बाहर जाने के लिए रेल, बस या अन्य साधन का उपयोग कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि रूसी सेना 24 घंटे के भीतर कीव शहर पर ताबड़तोड़ हमले को अंजाम दे सकती है, इसलिए एहतियातन भारतीय नागरिकों एवं छात्रों को शहर छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।
भारतीय दूतावास ने कल ही छात्रों को कीव में रेलवे स्टेशन जाने के लिए कहा था। रेलवे स्टेशन सलाहकार ने कहा कि लोगों को पश्चिमी क्षेत्र में ले जाने के लिए यूक्रेन द्वारा विशेष निकासी ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। "हम ईमानदारी से सभी भारतीय नागरिकों/छात्रों से शांत, शांतिपूर्ण और एकजुट रहने का अनुरोध करते हैं। रेलवे स्टेशनों पर एक बड़ी भीड़ की उम्मीद की जा सकती है, इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि सभी भारतीय छात्र धैर्यवान रहें और विशेष रूप से आक्रामक व्यवहार का प्रदर्शन न करें।" इसके साथ ही सभी छात्रों को अपना पासपोर्ट, पर्याप्त नकदी, अच्छे और उचित कपड़े ले जाने के लिए कहा गया था।
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वाशिंगटन: यूक्रेन में रूस की तरफ से हवा में से ऑक्सीजन खींच कर लंबे समय तक ब्लास्ट करने वाले घातक बम प्रयोग किए जा रहे हैं। यूक्रेन में रूसी हमले पर नजर रख रहे मानवाधिकर समूहों और अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत ने सोमवार को यह आरोप लगाया। इन लोगों ने कहा कि रूस ने यूक्रेन में क्लस्टर बम और वैक्यूम बम प्रयोग किए हैं, साथ ही रूस यूक्रेन में ऐसे बम प्रयोग कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस प्रकार के हथियारों के प्रयोग के खिलाफ रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच, दोनों की ओर से कहा गया है कि रूसी सेनाओं ने बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित क्लस्टर जंगी सामान का प्रयोग किया है। बड़ी बात ये है कि मानवाधिकार समूहों का कहना है कि उत्तर-पूर्वी यूक्रेन में रूस ने एक प्रीस्कूल पर इन खतरनाक बमों का प्रयोग किया जहां नागरिक शरण लेने के लिए इकठ्ठा हुए थे।
मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ओकासना मारकारोवा अमेरिकी सांसदों से मिलने के बाद पत्रकारों को बताया कि रूस ने एक थर्मोबैरिक हथियार प्रयोग किया है जिसे वैक्यूम बम भी कहा जाता है।
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संयुक्त राष्ट्र: रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते बढ़ते संकट के बीच सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के विशेष आपातकालीन सत्र के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा। एक तरफ कीव ने संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया कि मॉस्को उसके खिलाफ जारी आक्रामकता को रोके, तो दूसरी तरफ, रूस ने जोर दिया कि उसने शत्रुता की शुरुआत नहीं की और वह युद्ध को समाप्त करने की इच्छा रखता है।
यूएनजीए के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने सोमवार को 193 सदस्यीय निकाय के यूक्रेन पर आपातकालीन विशेष सत्र की अध्यक्षता की। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के दौरान यूक्रेन के दूत सर्गेई किस्लिट्सिया ने रूसी भाषा में अपना बयान पढ़ा। उन्होंने कहा कि महासभा को वैश्विक सुरक्षा पर मंडराते खतरे के मद्देनजर यह आपातकालीन सत्र बुलाना पड़ा।
सर्गेई ने कहा, महासभा को स्पष्ट तौर पर रूस को अपनी आक्रामकता को रोकने की मांग को लेकर आवाज बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, रूस को बिना शर्त तत्काल यूक्रेनी क्षेत्रों से अपनी सेना को हटाना चाहिए।
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कीव: ताजा उपग्रह चित्रों में रूस के 64 किलोमीटर लंबे सैन्य काफिले को यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है। अमेरिकी प्रौद्योगिकी फर्म मैक्सार टेक्नोलॉजीज की उपग्रह तस्वीरों से पता चला है कि रूसी सैन्य काफिला कीव के उत्तर से आगे बढ़ रहा है। यह पहले बताए गए आंकड़े (27 किमी) की तुलना में काफी लंबा है। इस विशाल काफिले में बख्तरबंद वाहन, टैंक, तोपखाने और सहायक वाहन शामिल हैं। काफिला कीव के केंद्र से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर था।
मैक्सार की तस्वीरों ने दक्षिणी बेलारूस में सैनिकों और हेलीकॉप्टर यूनिट की तैनाती को भी दिखाया है, जो कीव के उत्तर में है। द इंडिपेंडेंट के अनुसार, काफिला कीव के बाहरी इलाके में एंटोनोव हवाई अड्डे के पास आ रहा था, जो रूसी हमले के बाद कई दिनों तक सरकारी नियंत्रण में रहा।
रूसी सेना ने सोमवार को यूक्रेन की राजधानी और दूसरे सबसे बड़े शहर कीव पर गोलाबारी की, जिससे एक रिहायशी इलाका हिल गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि चरणबद्ध गोलाबारी का उद्देश्य उन्हें रियायतों के लिए मजबूर करना था।
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