नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दुनिया बेहद चिंतित है। यूक्रेन की मदद के लिए जहां अमेरिका और यूरोपीय देश आगे आए हैं, वहीं रूस यूक्रेन पर शिकंजा और कसने की कोशिशों में जुटा है। पश्चिम के बढ़ते दबाव के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने देश की न्यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है। दूसरी ओर, यूक्रेन ने बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत करने पर सहमति जताई है। हालांकि यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा है कि हम न आत्मसमर्पण करेंगे और न ही अपनी एक इंच जमीन छोड़ेंगे।
बेलारूस से बातचीत से पहले यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने युद्ध की शुरुआत के बाद बातचीत शुरू होने से पहले कहा, "हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, हम अपना एक इंच हिस्सा भी नहीं छोड़ेंगे।"
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि मैंने रक्षा मंत्री और रूसी सशस्त्र बलों के प्रमुख को रूसी परमाणु प्रतिरोधी बलों को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है। साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम पर उनके देश के खिलाफ प्रतिकूल कदम उठाने का आरोप लगाया है।
पुतिन के बयान के लगभग उसी समय यूक्रेन ने घोषणा की कि वह बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर रूस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। यह निर्णय यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमिर जेलेंस्की और बेलारूस के नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद लिया गया।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, "मैं वास्तव में इस बैठक के परिणाम में विश्वास नहीं करता हूं, लेकिन उन्हें कोशिश करने दें, ताकि बाद में यूक्रेन के एक भी नागरिक को इस बात का संदेह न रहे कि मैंने राष्ट्रपति के रूप में युद्ध को रोकने की कोशिश की थी।"
इससे पहले यूक्रेन ने बेलारूस में बैठक के मास्को के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, जिसने रूसी सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने की अनुमति दी थी। यूक्रेन ने बातचीत के लिए अन्य संभावित जगहों के बारे में बताया था।
स्थानीय गवर्नर ने कहा कि रूसी सैनिकों के साथ सड़क पर लड़ाई के बाद रविवार को यूक्रेनी बलों ने अपने दूसरे शहर खारकीव पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया था। "खारकीव पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है।"
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने रविवार को कहा कि यूक्रेन पर हमले को सही ठहराने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ऐसे खतरों का निर्माण कर रहे हैं जो अस्तित्व में नहीं हैं। साकी ने कहा कि अमेरिका इसके खिलाफ खड़ा होगा और मास्को के विरुद्ध ऊर्जा संबंधी प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
यूक्रेन पर हमला करने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। साकी ने कहा कि यह प्रतिबंध ईरान पर लगाई गई पाबंदियों के समान हैं और इससे रूस की बैंकिंग व्यवस्था वैश्विक समुदाय से कट जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने उनके 80 प्रतिशत बैंकों और वित्तीय क्षेत्र पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी सरकार को न केवल व्यवसाय करने में कठिनाई होगी बल्कि अपने देश के सैन्य विस्तार में भी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
रूसी हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की कवायद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की और जोर दिया कि भारतीय छात्रों की सुरक्षा और उनकी जल्द वापसी सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके।