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नई दिल्ली: असम और मिजोरम सीमा विवाद को लेकर राहत की खबर आ रही है। दरअसल दोनों राज्यों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम अंतर-राज्यीय सीमा के आसपास व्याप्त तनाव को दूर करने और चर्चा के माध्यम से विवादों के स्थायी समाधान खोजने के लिए तैयार है। बयान में कहा गया है कि दोनों राज्य गृहमंत्रालय और उनके मुख्यमंत्रियों द्वारा की गई पहल को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हैं।

साझा बयान में आगे कहा गया है कि दोनों राज्य सीमा पर शांति के लिए केंद्र सरकार की तरफ से तैनात किए गए फोर्स का स्वागत करते हैं। इसके साथ ही दोनों राज्यों ने कहा कि उस सीमा क्षेत्र में अपने सुरक्षाकर्मियों को नहीं भेजेंगे जहां हिंसा हुई थी। इन क्षेत्रों में असम का करीमगंज, हैलाकांडी और कछार और मिजोरम का ममित और कोलासिब जिले शामिल हैं। इसके अलावा दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए  हर तरह के कदम उठाए जाएंगे।

गुवाहाटी: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने सोमवार को राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि असम-मिजोरम सीमा पर टकराव के मामले में 26 जुलाई को कोलासिब जिले के वेयरेंगते में सभी आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाए। जानकारी के अनुसार दोनों राज्य विवाद का हल बातचीत के माध्यम से निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मिजोरम सरकार के इस कदम की सराहना की है। उन्होंने कहा, मैंने असम पुलिस से डीसी कोलासिब और एसडीपीओ वेयरेंगते के खिलाफ मामले वापस लेने कहा है। सरमा ने कहा कि मैं पांच अगस्त को अपने कैबिनेट के साथियों, अतुल बोरा और अशोक सिंहल, को एक अर्थपूर्ण वार्ता के लिए आइजल भेज रहा हूं। 

 

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ टेलीफोन पर चर्चा के बाद कहा कि असम के साथ सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने मिजोरम के लोगों से अपील की है कि स्थिति को किसी भी तरह बिगड़ने न दें।

शाह की दखल के बाद बनी सहमति
मिजोरम के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री और असम के मुख्यमंत्री के साथ टेलीफोन पर हुई चर्चा के अनुसार, हम मिजोरम-असम सीमा मुद्दे को सार्थक बातचीत के जरिए सुलझाने पर सहमत हुए हैं।" मिजोरम सरकार के सूत्रों के मुताबिक, सीमा विवाद के समाधान के लिए दोनों सरकारों के बीच नए सिरे से बातचीत शुरू हो गई है।" 26 जुलाई को मिजोरम-असम अंतर-राज्यीय सीमा पर संघर्ष में असम के छह पुलिस कर्मियों सहित सात लोगों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने के बाद असम और मिजोरम के बीच तनातनी बरकरार है।

गुवाहाटी: पूर्वोत्तर के दो राज्यों (असम और मिजोरम) के बीच जारी सीमा विवाद के बीच मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में हिमंत बिस्वा सरमा प्रशासन के छह शीर्ष अधिकारियों के अलावा करीब 200 अज्ञात पुलिस कर्मियों को भी नामजद किया गया हैै।

जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें एक महानिरीक्षक (आईजी), एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) शामिल हैं। इनके अलावा कछार जिला उपायुक्त को भी नामजद किया गया है। मामला मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेंगटे पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है, जो असम के कछार की सीमा से सटा है। इससे पहले दिन में, असम पुलिस ने कुछ सांसदों सहित मिजोरम के कई प्रमुख चेहरों को समन जारी किया था। पुलिस ने समन जारी करने के लिए नई दिल्ली में सांसदों के आवास पर भी पहुंची थी।

दोनों राज्यों में दशकों से सीमा को लेकर मतभेद रहे हैं, लेकिन इस हफ्ते भड़के विवाद ने नया रूप ले लिया है।

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