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नई दिल्ली: असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के समाधान को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा और मिजोरम के मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। असम के मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा, 'मिजोरम के मुख्यमंत्री और मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में सारी बातों पर चर्चा की और दोनों राज्य सरकारों ने यह फैसला किया है कि असम और मिजोरम सीमा पर हम शांति बनाए रखेंगे। इसको हम बहुत संवेदनशील तरीके से लेंगे।'

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों राज्य सरकार मिलकर राजनीतिक स्तर पर दो टीम बनाएंगी जो एक स्थायी समाधान के लिए बातचीत शुरू करेंगी। बीच-बीच में मुख्यमंत्री स्तर पर भी चर्चा होती रहेगी। उल्लेखनीय है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री गुरुवार रात रात्रिभोज पर भी मिले थे। हेमंत विश्व शर्मा ने आज हुई बैठक को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट किया है। आज की बैठक के लिए उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री का आभार जताया और कहा कि कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवादों को समाप्त करने के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री स्तर पर भी बातचीत की जाती रहेगी।

गुवाहाटी: असम में डिटेंशन सेंटर पूरा कर उसमें विदेशियों को रखने के विषय में गौहाटी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो सका है। सरकार ने डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा है। इस लिहाज से डिटेंशन सेंटर नवंबर में तैयार हो जाएगा। इस डिटेंशन सेंटर को ट्रांजिट कैंप भी कहा जा रहा है और इसमें असम में घुसपैठ करके आए विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा। इन विदेशी नागरिकों में ज्यादातर बांग्लादेश के हैं।

असम के गृह विभाग के अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य के ग्वालपाड़ा जिले के मातिया इलाके में डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह सेंटर 25 एकड़ जमीन पर 64 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। इसमें तीन हजार विदेशी घोषित लोग रहेंगे। इनमें बच्चों के लिए अलग से स्कूल और अस्पताल का इंतजाम भी होगा। इसके अतिरिक्त भी सेंटर में निरुद्ध लोगों के लिए कई सुविधाएं होंगी। राज्य सरकार ने कुछ निर्माण कार्यो को अंतिम रूप देने और कुछ औपचारिकताओं के लिए हाईकोर्ट से थोड़ा और समय मांगा है।

गुवाहाटी: पूर्वी लद्दाख और उत्तराखंड के बाद अब पूर्वोत्‍तर में भी एलएसी पर चीन की आक्रामकता का करारा जवाब देने की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए चीन सीमा के पास फारवर्ड पोजिशन पर पिनाक और स्मर्च मल्टीपल राकेट लांचर सिस्टम को तैनात किया है। हाल ही में सेना ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर अपनी तैनाती बढ़ाई थी। पूर्वी लद्दाख में भी सेना की ओर से भारी हथियारों को तैनात किया जा चुका है।

पिनाक हथियार प्रणाली एक स्‍वायत्‍त राकेट आर्टिलरी सिस्‍टम है, जो 38 किलोमीटर ऊंचाई तक दुश्‍मन को निशाना बना सकती है। ऊंचाई वाले सीमाई क्षेत्र में ऐसी तैनाती का मकसद सेना की आपरेशनल क्षमताओं को मजबूती देना है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिनाक के छह लांचरों की एक बैटरी 44 सेकंड में 72 राकेटों का सैल्वो फायर कर सकती है। इससे 1000 x 800 मीटर के दायरे में दुश्‍मन के टैंकों और दूसरे साजो-सामान को छिन्‍न-भि‍न्‍न किया जा सकता है।

गुवाहाटी: असम के दर्रांग जिले में स्थित सिपझार में गुरुवार को हुई अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस घटना में 11 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सरमा ने कहा कि हमने इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है। वहीं, इस सवाल पर कि क्या सिपाझार में अतिक्रमण हटाने का अभियान अब भी जारी रहेगा। सरमा ने कहा कि हमें इसे जारी रखना होगा। हम बिना आधार के 30-40 एकड़ जमीन आवंटित नहीं कर सकते, बाकी लोग कहां जाएंगे? लेकिन हां, इसे लेकर मैं उनके साथ एक बार फिर बातचीत करूंगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लोगों को एक स्थान से हटाने के काम में पुलिस को शामिल करना महत्वपूर्ण नहीं है, बातचीत से भी मदद मिलती है।

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस अभियान के लिए चार महीने से विचार-विमर्श किया जा रहा था। इसे लेकर कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात की थी और ऐसे लोगों को भूमि आवंटित करने को लेकर सहमति जताई थी जिनके पास कोई जमीन नहीं है। 27 हजार एकड़ जमीन का हमें उत्पादक उपयोग करना है।

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