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भुवनेश्वर: भुवनेश्वर में राज्य सरकार के हॉस्टल में चार आदिवासी लड़कियों के कथित तौर पर गर्भवती होने को लेकर मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में हंगामा हुआ। विपक्षी कांग्रेस और भाजपा सरकार से बयान की मांग कर रहे थे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि आदिवासी लड़कियों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे हॉस्टल सुरक्षित नहीं हैं और हॉस्टलों का दुरुपयोग किया जा रहा है। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंघ मिश्रा ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए कहा।

मिश्रा ने कहा, ''ऐसा संदेह है कि मामले को दबाने की कोशिश की गई क्योंकि राज्य सरकार के हॉस्टल के अधिकारियों ने लड़कियों को उनके घर भेज दिया है। प्रारंभिक चिकित्सा रिपोर्टों में कहा गया था कि चार लड़कियां गर्भवती पाई गईं, बाद में उनमें से तीन की रिपोर्ट नकारात्मक आयी। निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर यह घटना दिल्ली या मुंबई में हुई होती तो देशभर में प्रदर्शन होते। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस घटना को गंभीरता से लेने और इसमें संलिप्त लोगों को सजा देने के लिए कहा।

मिश्रा ने पूछा, ''क्या नवीन के नेतृत्व वाली बीजद सरकार का यही 'मा कू सम्मान (महिलाओं का सम्मान) है?

भाजपा सदस्य बिष्णु चरण सेठी ने भी घटना पर चिंता व्यक्त की और मुख्यमंत्री से एक बयान की मांग की। सेठी ने कहा, ''मामले को दबाने के लिए पीड़ितों के माता-पिता को धमकाया जा रहा है।'' कांग्रेस सदस्य सदन के आसन्न के समीप चले गए और अध्यक्ष एस एन पात्रा से मुख्यमंत्री को बयान देने का आदेश देने का अनुरोध किया। पटनायक राज्य के गृह मंत्री भी हैं।

विपक्षी सदस्यों ने जैसे ही अध्यक्ष के आसन पर चढ़ने की कोशिश की तो पात्रा ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में अध्यक्ष ने संबंधित विभागों को सदन में एक बयान देने के लिए कहा।

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