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इलाहाबाद: इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में लागू धारा 144 का उल्लंघन करने और विश्वविद्यालय में चल रही एक बैठक में व्यवधान पैदा करने के आरोप में चार छात्र नेताओं की गिरफ्तारी के बाद आक्रोशित छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में कल तोड़फोड़ की। पुलिस ने अर्धसैनिक बलों की मदद से स्थिति पर काबू पा लिया है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर के मुताबिक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के पदाधिकारियों की अगुवाई में कल दोपहर छात्र नेताओं का एक समूह विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस के पास एकत्र हो गया । उस गेस्ट हाउस में एक बैठक चल रही थी। छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय में कथित वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी की। माथुर ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर अवैध रूप से रह रहे छात्रों से छात्रावास खाली कराने के अभियान के चलते परिसर में फैली अशांति को देखते हुए कुछ दिनों पूर्व यहां धारा 144 लागू की गई थी। उन्होंने बताया, ‘‘सूचना मिली थी कि बिना अनुमति बड़ी संख्या में विद्यार्थी गेस्ट हाउस के बाहर जमा हुए हैं। इस पर पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंचा। ज्यादातर प्रदर्शनकारी भाग गए, लेकिन उनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया।’’ माथुर ने कहा ‘‘ विद्यार्थी इस गिरफ्तारी पर बिफर गए और इनमें से कुछ हिंसक हो गए और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया एवं पास खड़े वाहनों के शीशे तोड़ दिए।

लखनऊ: पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की रेप के मामले में जमानत मंजूर करने वाले स्पेशल जज (पॉक्सो एक्ट) ओमप्रकाश मिश्र को इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोंसले ने सस्पेंड कर दिया है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश मिश्र 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। दरअसल राज्य सरकार ने पोस्को कोर्ट के इस आदेश को चीफ जस्टिस के सामने चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस ने पोस्को कोर्ट के अतिरिक्त सेशन जज मिश्र को सस्पेंड करने के साथ ही प्रजापति को जमानत देने के ऑर्डर को अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया है । चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में लिखा 'जिस तरह से जानकार जज ने अपराध की गंभीरता को अनदेखा करते हुए आरोपी को जमानत देने में जल्दबाज़ी दिखाई, उससे हमें इन न्यायाधीश की मंशा पर संदेह है जो खुद 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं.। इस मसले पर जस्टिस मिश्र ने जमानत देने के पीछे अपने आदेश में यह तर्क दिया था कि 'प्रजापति मामले में पीड़ित महिला ने 2014-16 के दौरान बलात्कार की शिकायत नहीं की. इससे पीड़ित महिला के दावे पर संदेह होता है।' गौरतलब है कि जमानत देने के मसले पर जांच अधिकारी ने जस्टिस मिश्र के सामने अपनी राय रखने के लिए कुछ वक्त मांगा था। इसके अलावा अतिरिक्त जिला परिषद ने लिखित में जस्टिस मिश्र से इस मामले पर अपनी बात रखने के लिए तीन दिन का समय मांगा था।

बाराबंकी: भाजपा सांसदों को संयम बरतने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार नसीहत देते हैं। लेकिन कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। यूपी में बाराबंकी की सांसद प्रियंका रावत ने एक प्रेस कांफ्रेंस में एडीशनल एएसपी कुंवर ज्ञानंजय सिं‌ह पर भ्रष्ट और प्रापर्टी डीलिंग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में बहुत मलाई खाई है, सब निकलवा लेंगे, सा‌थ ही खाल खिंचवा लेंगे। एएसपी ने उनकी बातों पर सफाई देनी चाही लेकिन उन्होंने धमकी भरे अंदाज में उत्तर दिया। शहर के एक रेस्टोरेंट में सांसद द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई थी। यहीं सांसद प्रियंका सिंह रावत अचानक भड़क गई। एडीशनल एसपी कुंवर ज्ञानंजय स‌िंह ने हत्या के एक मामले में आरोपियों को कई दिन से हिरासत में रखने के बावजूद जेल भेजने की सिफारिश मानने से इंकार कर दिया जिसके बाद वह भड़क गई और मीडिया के सामने ही एडीशनल एसपी की खाल खिंचवाने की धमकी देने लगी। राजधानी लखनऊ से लगभग 40 किलोमीटर दूर बसे बाराबंकी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञानंजय सिंह से कहे गए उनके कथित धमकी-भरे शब्दों के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर भी सांसद अपने शब्दों से नहीं पलटीं। प्रियंका सिंह रावत ने पत्रकारों से कहा, "पिछली सरकार में उन लोगों में बहुत कमा लिया है... अगर ढंग से काम नहीं करेंगे, तो खाल उतार देंगे।"

लखनऊ: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी डीएम और एसएसपी सुबह 9 से 11 बजे तक जनता की दिक्कतों को सुनें। इसके बाद वे थानों का औचक निरीक्षण करें। यदि कोई लापरवाही दिखाई पड़ती है, तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में दी। श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सभी अधिकारी सुनिश्चित करें कि बिजली सुचारू रूप से लोगों तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने सभी महानगर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा गांवों में भी स्वच्छता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यूपी सरकार के प्रवक्ता ने आगे कहा कि पानी बचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इसके अलावा महानगरों को प्लास्टिक के उपयोग से मुक्त करें। आने वाले समय में बारिश होगी, ऐसे में जलभराव न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। चूंकि, सबसे ज्यादा प्लास्टिक की वजह से रूकावट होती है, इसलिए प्लास्टिक के लिए एक अभियान चलाना चाहिए। शर्मा ने कहा, 'सभी मंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि लखनऊ कार्यालय में वे जनसुनवाई करें। इसके अलावा सीएम के आवास पर लगातार जनसुनवाई चलती रहेगी।

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