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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में हुई 72825 टीईटी शिक्षकों के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने कहा जो लोग काम कर रहे हैं वे काम करते रहेंगे। लेकिन जो नई भर्ती होगी उसके लिए कोर्ट दिशानिर्देश जारी करेगा। शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) पास उम्मीदवार टीइटी के साथ शैक्षणिक योग्यता जोड़ने के नियम का विरोध कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों के शिक्षक के रूप में समायोजित करने के मामले में सुनवाई 2 मई को होगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती को लेकर होने वाली सुनवाई बुधवार को नहीं हो सकी थी। जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की पीठ ने कहा कि इस मामले में टीईटी विवाद और शिक्षामित्रों के मामले अलग से सुने जाएंगे। गुरुवार को टीईटी विवाद पर सुनवाई होगी। टीईटी विवाद 72000 शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा है। तत्कालीन सपा सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी को ही योग्यता नहीं माना था और कहा था कि टीईटी के साथ अच्छी शैक्षणिक योग्यता भी होनी चाहिए। बुधवार सुबह जब सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट में इतनी भीड़ हो गई कि मामले को पासओवर करना पड़ा। कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले से जुड़े वकील ही कोर्ट में आएं। साथ में उनके क्लर्क न आएं। वहीं कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसी भी शिक्षामित्र को कोर्ट में नहीं आने दिया जाएगा।

गौरतलब है कि इससे पहले भी कोर्ट शिक्षामित्रों के कोर्ट में आने पर रोक लगा चुका है।

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