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मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की बुरी तरह से हुई हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनके मना करने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी जिंदगी बरबाद करने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस ने उन पर कई मामले दर्ज कराए और अखिलेश ने उसी कांग्रेस से गठबंधन किया। समाजवादी पार्टी जनता की गलती से नहीं खुद अपनी गलती से हारी है।’’ शहीद धर्मेन्द्र यादव की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में आज करहल के ग्राम जुनेसा आये मुलायम सिंह ने शिवपाल के रामगोपाल को ‘शकुनी’ बताने वाले बयान को सही बताते हुए कहा कि ‘‘शिवपाल को हराने में कोई कसर नही छोड़ी गयी, पैसा भी खर्च किया गया।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन सपा की बुरी दशा के लिए जिम्मेदार है। उनके मना करने पर भी अखिलेश ने कांग्रेस से गठबंधन किया। मुलायम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी ने एक भी वादा पूरा नहीं किया, झूठ बोलकर जनता को ठगा। 15 लाख रुपये हर खाते में डालने का वायदा कर सत्ता मे आए लेकिन 15 हजार भी किसी खाते में आज तक नहीं पहुंचे।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के अस्पताल द्वारा एंबुलेंस की सेवा देने से कथित तौर पर इनकार के चलते अपने किशोर बेटे का शव कंधे पर लाद कर ले जाने को मजबूर हुए एक मजदूर का मामला सामने आने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि उसने मीडिया में आई खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है और राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। आयोग ने पाया है कि मीडिया में आई खबरों में दी गई जानकारी ‘दर्दनाक है और अस्पताल के डॉक्टरों के असंवेदनशील एवं लापरवाही भरे रवैये’ को दिखाती है। जबकि अस्पताल में आने वाले अधिकतर लोग गरीब परिवारों से हैं। आयोग ने मुख्य सचिव से चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें सरकारी अस्पतालों द्वारा दी जाने वाली एंबुलेंस सेवाओं पर भी जानकारी मांगी गई है। हाल ही में सोशल एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में 45 वर्षीय मजदूर उदयवीर ने आरोप लगाया कि इटावा के सरकारी अस्पताल ने उसके बेटे पुष्पेंद्र का इलाज नहीं किया और उसे लौटा दिया। एक मई को अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मदद से कथित तौर पर इनकार कर दिए जाने पर उसे अपने 15 वर्षीय बेटे का शव अपने कंधे पर लादकर ले जाने के लिए विवश होना पड़ा।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जातीय दंगे की घटना पर गहरा अफसोस तथा चिन्ता जाहिर करते हुये शनिवार को कहा कि राज्य में साम्प्रदायिक घटनाओं के बाद अब जातीय संघर्ष की वारदात से प्रदेश ‘दहलने’ लगा है। इससे यह साबित होता है कि बेहतर अपराध-नियन्त्रण तथा कानून-व्यवस्था सत्तारूढ़ भाजपा के बस की चीज नहीं है। मायावती ने यहां एक बयान में कहा कि बिना अनुमति के जुलूस आदि निकालना तथा उस दौरान मनमानी करके वातावरण को प्रदूषित तथा हिंसक बनाना वास्तव में एक ‘फैशन’ सा हो गया है, जिसको रोक पाने में प्रदेश की भाजपा सरकार विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा ‘‘इतना ही नहीं बल्कि भाजपा सरकार की भगवा तुष्टीकरण की नीति के कारण कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करना, हत्या तथा हिंसा करना सामान्य बात होती जा रही है, जिस कारण प्रदेश में भय एवं आतंक का एक नया खराब माहौल पैदा होता जा रहा है।’’ बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रतिदिन हर नेता तथा मंत्री नई-नई बातें और घोषणायें कर रहे हैं, परन्तु हकीकत में ठीक उसका उल्टा हो रहा है और राज्य सरकार उन असामाजिक तथा आपराधिक तत्वों के सामने बौनी साबित हो रही है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने एक दिन पहले ही समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम से नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। लेकिन मुलायम सिंह यादव के एक बयान से शिवपाल यादव का खेल बिगड़ना शुरू हो गया है। मुलायम ने कहा है कि शिवपाल की पार्टी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में मुलायम ने कहा, "मैं शिवपाल से पिछले एक हफ्ते से नहीं मिला हूं, उसने मुझसे इस बारे में कोई बात नहीं की है, मैं उससे बात करूंगा।' मुलायम ने आगे कहा, 'मैं शिवपाल से बात करूंगा और उसको मना लूंगा।' मुलायम ने समाजवादी पार्टी के टूटने की बात को भी खारिज कर दिया और कहा, ‘परिवार या फिर पार्टी में कोई भी अलग होने के बारे में नहीं सोच रहा है। पार्टी के टूटने या फिर अलग होने से किसको क्या मिलेगा।' इससे पहले, कल सपा में हाशिए पर चल रहे शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया था। उन्‍होंने समाजवादी सेक्‍युलर मोर्चा के गठन की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी दावा किया था कि सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अध्‍यक्ष होंगे. इतना ही नहीं शिवपाल यादव ने पार्टी के गठन को मुलायम सिंह की प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए कहा था कि नेताजी के सम्‍मान की खातिर नई पार्टी का गठन किया जा रहा है। यूपी चुनावों के पहले से शुरू हुआ सपा संग्राम चुनाव बाद भी जारी है। सपा के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष शिवपाल यादव गुट और अखिलेश गुट लगातार एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।

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