इटावा (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी में चुनाव से पहले शुरू हुई चाचा भतीजे की जंग अब अपने चरम पर पहुँच गई है। दोनों के बीच लंबे समय से जारी घमासान अब पार्टी बिभाजन की अति तक पहुँच गई है। आखिरकार आज शिवपाल सिंह यादव ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर ही दिया और इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को मनोनीत किया है। हालाँकि मुलायम सिंह ने अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। शिवपाल के मुताबिक इटावा में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि शिवपाल यादव ने शुक्रवार को सेक्युलर मोर्चे बनाने कि घोषणा कि थी। दिलचस्प पहलु ये है कि मुलायम सिंह बीती रात से ही इटावा में हैं और शिवपाल यादव संग चर्चा कर रहे हैं। यूपी चुनाव में करारी हार के बाद शिवपाल ने साफ कर दिया था कि अगर मुलायम सिंह को अखिलेश सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं सौंपते हैं, तो वे अलग पार्टी का गठन करेंगे। दो दिन पहले वैसे शिवपाल ने नए मोर्चे के ऐलान की घोषणा कर दी थी। गौरतलब है कि यूपी चुनाव से करीब 9 महीने पहले ही सपा में वर्चस्व लड़ाई चीड़ गई थी। चुनाव से पहले मुलायम सिंह अपने अनुज शिवपाल के साथ नज़र आये थे। मुलायम सिंह ने शिवपाल और अपने दूसरे बेटे के कि बहु अपर्णा यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। इनके अलावा मुलायम सिंह ने पार्टी के किसी भी उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार नहीं किया।
मुलायम सिंह के इस रुखा से साफ़ था कि पिता और पुत्र( अखिलेश यादव) के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है। पार्टी का विवाद चुनाव आयोग पहुंचा था, जहाँ मुलायम सिंह यादव को शिकस्त मिली। आयोग ने अखिलेश यादव के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को जायज़ ठहराया और पार्टी का चुनाव चिन्ह साईकिल पर अखिलेश यादव को यात्रा करने का अधिकार दिया था। गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बहार कर दिया था और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया था।