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मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो युवकों की बेरहमी से पिटाई की। उन्होंने दोनों युवकों के कपड़े उतार दिए और फिर बेल्ट से पिटाई की। इनकी पिटाई सिर्फ़ इसलिए हुई क्योंकि वे अपनी मित्र से मिलने आए थे। दोनों युवकों की महिला से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी और वे उसी महिला से मिलने के लिए गए थे। यह दोनों युवक रहम की गुहार लगाते रहे लेकिन बजरंग दल के बेलगाम कार्यकर्ताओं ने उन पर दया नहीं की। हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने भी इस मामले में पीड़ित युवकों के ख़िलाफ़ ही चालान काट दिया। हालांकि आरोपियों के ख़िलाफ़ भी सिर्फ़ चालान ही काटा गया है।

लखनऊ: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व सांसद राम विलास वेदांती समेत पांच लोगों ने शनिवार (20 मई) को सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया। इंदिरानगर के आईसीएमआरटी भवन में लगाई गई विशेष अदालत में भारी सुरक्षा व्यवस्था रही। आरोपी पक्ष के वकील द्वारा पहले आत्मसमर्पण की अर्जी दायर की गई। इसके बाद जमानत के लिए अर्जी लगाई गई। जमानत मंजूर होने के कुछ ही देर बाद भाजपा के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने भरोसा जताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा। वेदांती ने दोहराया कि उन्होंने बाबरी मस्जिद का गुंबद ढहाया था। वेदांती ने कहा, ‘‘मैं पहले ही कह चुका हूं, मैं उन लोगों में एक था जिन्होंने मस्जिद का गुंबद ढहाया था...’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि मुझे मौत की सजा सुनाई गई या उम्र कैद दी गई तो मैं उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। मेरी आकांक्षा है कि अयोध्या में राम लला का एक भव्य मंदिर बने।’’ इस मामले में पूर्व सांसद राम विलास वेदांती, विहिप नेता चम्पत राय, बैकुंठ लाल शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास महाराज, धर्मदास महाराज और शिवसेना नेता सतीश प्रधान को अदालत से नोटिस जारी हुआ था। इसमें सतीश प्रधान को छोड़कर अन्य पांचों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वकील मनीष त्रिपाठी ने बताया कि अस्वस्थ्य होने के कारण सतीश प्रधान हाजिर नहीं हो सके, वह बुधवार (24 मई) को आत्मसमर्पण करेंगे।

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार में ‘कानून का नहीं बल्कि आपराधिक तत्वों का राजधर्म’ चलाने का आरोप लगाते हुये शनिवार (20 मई) को कहा कि यह सरकार प्रदेश की आम जनता को शान्ति, सद्भाव व सुरक्षा का जीवन देने की पहली संवैधानिक जि़म्मेदारी निभाने में विफल साबित हुई है। मायावती ने एक बयान में कहा कि सत्ता परिवर्तन का सही लाभ प्रदेश की आम जनता को मिलता नहीं दिख रहा है क्योंकि प्रदेश में अपराध में कोई कमी नहीं आई है बल्कि जातिवादी हिंसा व राजनीतिक विद्वेष की घटनाओं ने ज्यादा भयंकर रूप धारण कर लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का आधार वोट माने जाने वाले व्यापारी भी दिन-दहाड़े लूट व हत्याओं से दहल गये हैं। सहारनपुर व मथुरा की घटनाओं ने योगी सरकार के दावों की धज्जियां उडा दी हैं। इसके बावजूद सरकार विधानसभा में कहती है कि अपराधी जिस भाषा में समझेंगे, उसी भाषा में समझायेंगे। मायावती ने कहा, ‘इससे क्या स्पष्ट नहीं है कि भाजपा सरकार को पता ही नहीं है कि अपराधियों को समझाने के लिये केवल एक ही सरकारी भाषा की ज़रूरत होती है और वह है ‘कानून की भाषा’ जिसके लिये आश्वासनों व भाषणों की नहीं बल्कि दृढ़-इच्छाशक्ति की जरूरत होती है।’ मायावती ने कहा कि प्रदेश में जो साम्प्रदायिक, जातिवादी व अन्य आपराधिक घटनायें हो रही हैं।

बाराबंकी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व स्कॉलर एवं हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध सदस्य गुलजार अहमद वानी को बाराबंकी अदालत ने वर्ष 2000 में साबरमती एक्सप्रेस में हुए विस्फोट का षड़यंत्र रचने के मामले में आज (शनिवार) दोषमुक्त करार दे दिया। आरोपी के वकील के अनुसार अदालत ने सबूतों के अभाव के कारण वानी और सह आरोपी मोबिन को रिहा कर दिया। वकील एम एस खान ने फोन पर कहा, ‘‘अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया क्योंकि अभियोजन उनके खिलाफ लगाए गए किसी भी आरोप को साबित नहीं कर सका।’’ वानी को दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2001 में कथित रूप से विस्फोटकों एवं आपत्तिजनक सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया था। वह श्रीनगर के पीपरकारी इलाके का निवासी है और इस समय लखनऊ की एक जेल में है। यह विस्फोट स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उस समय किया गया था जब ट्रेन मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद जा रही थी।

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