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लखनऊ: यूपी सरकार ने पूर्व विधायकों को 50 हजार रुपये पेट्रोल-डीजल पर खर्च करने की सुविधा देने का फैसला किया है। यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में किया गया है। इस फैसले से प्रदेश के ढाई हजार पूर्व विधायकों की सुविधा मिलेगी। वर्तमान विधायकों को यह सुविधा पहले से मिली हुई है। कैबिनेट ने करीब नौ लाख (8,83,157) दिव्यांगों की पेंशन तीन सौ रुपये प्रति माह से बढ़ाकर पांच सौ रुपये प्रति माह करने का फैसला किया है। कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश विधान मंडल के सदस्यों की उपलब्धियां व पेंशन नियमावली के तहत पूर्व विधायकों को पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। कैबिनेट ने फैसला किया है कि पूर्व विधायकों को जो एक लाख रुपये के रेलवे कूपन मिलते हैं, उनमें से अब उनको 50 हजार रुपये के रेलवे कूपन दिए जाएंगे और 50 हजार रुपये वे पेट्रोल-डीजल पर खर्च कर सकेंगे। ये भी पढ़ें: सहारनपुर दौरा: मायावती बोलीं, योगी सरकार की मानसिकता दलित विरोधी, ज्यादा दिन नहीं चलेगी कैबिनेट ने यह भी फैसला किया है कि रेलवे कूपन प्रयोग करने या सरेंडर करने का लेखा-जोखा सबमिट करने की तारीख 31 मई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। इन दोनों ही फैसलों के लिए कैबिनेट ने नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर के दौरे पर मंगलवार को गईं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार दलित विरोधी मानसिकता की है। यह ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। सहारनपुर जाते हुए यहां हाईवे स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मायावती ने कहा कि सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर में अच्छा सद्भाव चल रहा था लेकिन शासन और प्रशासन की लापरवाही से वहां पर जबरदस्त जातीय तनाव चल रहा है। यह घटना तब हुई यहां पर महाराणा प्रताप के बिना परमिशन के जयंती निकाली जा रही थी। उन्होंने कहा कि दलितों का इतना दोष है कि उन्होंने बिना परमिशन के निकल रही जनता का विरोध किया था। इसके बाद उक्त लोगों ने दलितों के साथ मारपीट की और उनके घर जलाए लेकिन शासन और प्रशासन मौन बनकर यह घटना देखता रहा। मां बहनों की बेज्जती की गई। योगी सरकार की यह दलित विरोधी सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। मायावती ने आगे कहा कि दलितों के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग की भी उपेक्षा की गई है। आने वाले समय में दलित व पिछड़ा वर्ग सरकार को जवाब देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भी यह समझ ले। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अंबेडकर साहब का नाम प्रयोग किया जा रहा है। जयंती व संग्रहालय बनाए जा रहे हैं लेकिन दलितों की उपेक्षा हो रही है। भाजपा की कथनी व करनी में बहुत फर्क है। चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्या को मुख्यमंत्री बनाने का दावा किया गया था लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री न बनाकर पिछड़ा वर्ग के साथ खिलवाड़ किया गया है।

लखनऊ: प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने आईएएस अनुराग तिवारी की हत्या मामले की सीबीआई से जांच कराने की बात कही है। बता दें कि लखनऊ पुलिस ने इस बारे में सिफारिश की थी। शासन के अधिकारियों ने कहा है कि जल्दी मामला सीबीआई को भेज दिया जाएगा। यह जानकारी प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दी गई। इस दौरान डीजीपी सुलखान सिंह भी मौजूद थे। वहीं, अनुराग के भाई मयंक ने केस दर्ज कराया। लखनऊ के हजरतगंज थाने में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। ये भी पढ़ें: शोक की लहर: माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाले पर्वतारोही रवि कुमार का मिला शव इससे पहले सोमवार सुबह अनुराग तिवारी का परिवार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने उनके आवास पहुंचा। सीएम ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। एसआईटी ने कर्नाटक सरकार को पत्र लिखकर अनुराग तिवारी से जुड़े कई सवालों के जवाब मांगे थे। बता दें कि फॉरेंसिक रिपोर्ट समय से न मिल पाने से एसआईटी मौत की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। एसआईटी जांच की सीमा बढ़ाने के लिये डीजीपी से आग्रह करेगी। सीओ का कहना है कि विसरा रिपोर्ट आने में करीब दो हफ्ते का समय लगेगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने योजनाओं से अल्पसंख्यकों का 20 प्रतिशत कोटा खत्म किए जाने सम्बन्धी खबरों को आधारहीन एवं तथ्यों से परे बताया है। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में समाचार पत्रों एवं न्यूज चैनलों में आ रही खबरें पूरी तरह बेबुनियाद हैं। शास्त्री ने सोमवार को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, जिसके दृष्टिगत यह समाचार पूर्णतः भ्रामक है। इससे पहले आज सुबह ऐसी खबरें आई थीं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर सपा की एक और योजना पर गाज गिराने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा था कि योगी सरकार सपा की अल्पसंख्यक कोटा वाली योजना को रद्द करने जा रही है। हालांकि इसका कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। समाजवादी पार्टी ने 85 योजनाओं पर 20 फीसदी कोटा देने का ऐलान किया था। गौरतलब है कि साल 2012 में अखिलेश सरकार जब सत्ता में आई थी तब इस योजना की शुरुआत हुई थी। इसके तहत सरकार की 85 योजनाओं पर 20 फीसदी कोटा निर्धारित किया गया था।

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