मथुरा: पुलिस ने गत सोमवार को शहर में हुए डबल मर्डर और सर्राफा लूट कांड को सुलझाने का दावा किया है। मथुरा के सर्राफा लूट एवं हत्त्या कांड के सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक रंगा-बिल्ला गैंग के सदस्यों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। पकड़े गए आरोपी रंगा उर्फ राकेश, चीनी उर्फ कामेश, नीरज, आदित्य, आयुष और छोटू रंगा बिल्ला गैंग के हैं। बिल्ला पहले ही एक मर्डर केस में जेल में है। उसने पान की दुकान पर दिनदहाड़े एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक जो लोग पकड़े गए हैं, ये सभी घटना के वक्त सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे थे। शनिवार सुबह पकड़े गए इन छह आरोपियों में से रंगा, चीनी और नीरज तीनों भाई हैं। रंगा और नीरज के ऊपर एक कत्ल के मुकदमे में पहले से ही पांच-पांच हजार रुपये का ईनाम था और तीन साल से ये फरार चल रहे थे। लूट के बाद से गैंग के लोग मथुरा में ही घर बदल कर छुप रहे थे। एसएसपी विनोद मिश्रा के मुताबिक इन्हें मथुरा के होली गेट इलाके के पास जोगियापाड़ा मोहल्ले में इनके घर से पकड़ा गया है। होली गेेट वही इलाका है जहां वारदात को अंजाम दिया गया था। एसएसपी विनोद मिश्रा ने बताया कि इनको पकड़ने के लिए 60 पुलिसकर्मियों ने एरिया को घेर लिया था।
दरअसल इनके घर की पोजीशन ऐसी है, जहां से कोई भी करीब ढाई सौ मीटर दूर से ही नजर आ जाता है। इसलिए पहले भी ये लोग कई बार पुलिस को पहले से देखकर भाग जाते रहे हैं। इनके घर से दो-ढाई सौ घरों की छत मिली है। उसी की बदौलत एक से दूसरी छत होते हुए ये भाग जाते थे। पुलिस ने जब इनके यहां दबिश दी तो इन्होंने घर के भीतर से ही गोली चलाई। इस मुठभेड़ में सात पुलिसकर्मी घायल हुए। बदमाशों में रंगा एवं नीरज भी घायल हुए। पुलिस का कहना है कि इन लोगों का यहां इतना खौफ था कि वारदात के वक्त ही स्थानीय बाजार के लोग इनको पहचान गए थे, लेकिन कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं था। उल्लेखनीय है कि मथुरा में सोमवार को बीच बाजार स्थित सर्राफा व्यापारी मयंक अग्रवाल की दुकान को लूटने करीब आधा दर्जन हथियारबंद लुटेरे पहुंचे। लूट का विरोध करने पर बदमाशों ने चार लोगों को गोली मार दी, जिनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई. अन्य दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह सबसे बड़ी आपराधिक वारदात मानी जा रही है। इससे सरकार की फजीहत हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस पर बयान देना पड़ा। डीजीपी सुलखान सिंह, मथुरा से ताल्लुक रखने वाले मंत्री श्रीकांत शर्मा ने घटनास्थल का दौरा भी किया था लेकिन स्थानीय सांसद हेमामालिनी समेत इनके खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ भी जांच कर रही थी। वह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में लूट की घटना साफ-साफ दिखाई दी। बदमाश अपने मुंह को हेलमेट और कपड़ों से ढके हुए थे। बदमाश दुकान में शीशे का दरवाजा खोलते हुए दाखिल हुए। दुकान मालिकों ने बदमाशों को गेट पर रोकने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। लुटेरों ने बड़े ही आराम से दुकान से सोना और नकदी अपने बैग और जेबों में भरा. सीसीटीवी कैमरे का टीवी उखाड़कर तोड़ डाला और लूट करके चले गए।