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नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए उन्हें और छह महीने का वक्त चाहिए। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अन्य कई लोग आरोपी हैं। विशेष न्यायाधीश ने मई में लिखी चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वह 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। मामला जस्टिस आर. एफ. नरीमन की पीठ के पास सुनवाई के लिए सोमवार को आया।

पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि वह इस हाई प्रोफाइल मामले में फैसला आने तक विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल बढ़ाने के तरीकों के बारे में उसे 19 जुलाई तक बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को मामले की रोजाना सुनवाई कर उसे दो साल के भीतर पूरा करने का आदेश दिया था।

प्रयागराज: भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके पति अजितेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनकी शादी को वैध करार दिया है। इसके साथ ही उस जोड़े को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पुलिस को आदेश दिया है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की बिथरी चैनपुर सीट से भाजपा के विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी और उसके पति अजितेश कुमार के वकील ने बताया, "हाईकोर्ट ने पुलिस को उन्हें सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। सिर्फ अजितेश के साथ मारपीट की गई। अभी नहीं पता, वे लोग कौन थे। लेकिन इससे यह साबित होता है कि उनकी जान को खतरा है, जिसकी वजह से वे सुरक्षा मांग रहे हैं।" उनके अंतरजातीय विवाह के बाद से ही एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

साक्षी ब्राह्मण परिवार हैं, जबकि उनके पति अजितेश कुमार दलित परिवार से आते हैं। 3 जुलाई से साक्षी और उनके पति घरवालों से छुपकर भाग रहे हैं। दंपति शुक्रवार को एक समाचार चैनल पर आए और बरेली से भाजपा के विधायक व साक्षी के पिता राजेश मिश्रा पर आरोप लगाया कि वह जाति कारणों से विवाह के खिलाफ हैं।

अलीगढ़: अलीगढ़ के एक मदरसे के प्रशासन ने हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को मजबूत करने के लिए अपने परिसर में अगल-बगल मंदिर और मस्जिद स्थापित करने का फैसला किया है। अल नूर चैरिटेबल सोसायटी द्वारा संचालित इस मदरसे में पढ़ने वाले मुस्लिम और हिंदू छात्रों की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है।

सोसायटी की सचिव और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने रविवार को मीडिया को बताया कि उनके ‘चाचा नेहरू’ मदरसे में करीब 4000 मुस्लिम और लगभग 1000 हिंदू छात्र पढ़ते हैं। मदरसे के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को नमाज पढ़ने या पूजा करने के लिए बाहर जाने की दुश्वारियां उठानी पड़ती हैं। इस वजह से मदरसा प्रबंधन ने यह फैसला किया है कि अपने परिसर के अंदर ही मंदिर और मस्जिद का आसपास निर्माण कराया जाएगा।

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मॉब लिंचिंग के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि इसके शिकार अब केवल दलित, आदिवासी व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग तथा पुलिस भी बन रही हैं।

मायावती ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) एक भयानक बीमारी के रूप में देशभर में फैल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह रोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारों की क़ानून का राज स्थापित नहीं करने की वजह से हो रहे है। इसके शिकार अब केवल दलित, आदिवासी व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग तथा पुलिस भी बन रही हैं।

उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटना पहले भी इक्का-दुक्का हुआ करती थी, लेकिन अब यह घटनाएं आम हो गई हैं। देश में लोकतंत्र के हिंसक भीड़तन्त्र में बदल जाने पर सभ्य समाज में चिन्ता की लहर है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लेकर केन्द्र व राज्य सरकारों को इसके लिये निर्देश जारी किये हैं। इस मामले में भी केन्द्र व राज्य सरकारें कतई भी गम्भीर नहीं है।

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