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आगरा: जम्मू-कश्मीर से 30 और अलगाववादी नेताओं को भारतीय वायुसेना से विशेष विमान से आगरा लाया गया है। इन सभी अलगाववादी नेताओं को कड़ी सुरक्षा में सेंट्रल जेल भेजे गया है। इससे पहले 8 अगस्त को भी 26 अलगाववादी नेताओं को आगरा सेंट्रल जेल लगाया गया था। आगरा सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में सिर्फ 30 कैदियों के ही रखे जाने की व्यवस्था है।

बताया जा रहा है कि इन 30 अलगाववादी नेताओं को विशेष रूप से तैयार बैरकों में रखा जाएगा। सेंट्रल जेल में अलगाववादी नेताओं के पहुंचने पर पुलिस व प्रशासन के आला अफसरों ने जेल पर डेरा डाल रखा है और जेल में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर उठाये गये सवालों पर पलटवार करते हुए गुरूवार को कहा कि कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले अखिलेश भूल गये हैं कि उनके राज में राजधानी की सड़कों पर डीएसपी को बोनट पर टांगकर घुमाया जाता था और थाने के भीतर पुलिकर्मियों की हत्याएं हो जाती थीं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह ने कहा, ''सपा सरकार के संरक्षण में अपराधी खूब पले बढ़े।''

पार्टी प्रवक्ता ने दावा किया कि योगी सरकार में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है और अपराधियों के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई से घबराकर आज वही अपराधी खुद को जेल के भीतर सुरक्षित पा रहे हैं, जो पूर्ववर्ती सरकारों में आतंक फैलाये थे. सिंह ने कहा कि विरासत से सियासत में आए सैफई के युवराज ने उत्तर प्रदेश को सत्ता संरक्षित अपराध का हब बना दिया था और यहां तक कि मुख्यमंत्री आवास तक को अपराधियों की शरण स्थली बना दी थी।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि हर मोर्चे पर असफल होती प्रदेश की भाजपा सरकार अपनी नाकामी से ध्यान हटाने के लिए एक तरफ अधिकारियों के ट्रांसफर कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेना चाहती है, तो दूसरी तरफ कैबिनेट का विस्तार कर जनता का ध्यान बांटना चाहती है। भाजपा की गुमराह करने वाली राजनीति से जनता त्रस्त है। अखिलेश ने ने ट्वीट कर यह बात कही।

एक अलग ट्वीट में अखिलेश ने कहा, भाजपा की राज्य सरकार बने तो ढाई वर्ष हो गए अब जाकर मुख्यमंत्री जी को और भाजपा नेतृत्व को पता चला कि उनके साथ अकर्मण्य, नानपरफार्मर मंत्री भी हैं, जिनसे इस्तीफा लिया गया। इस बीच कितनी ही समस्याएं बढ़ गई। बेकारी, मंहगाई की मार से नौजवान, किसान, गरीब सभी परेशान हैं। महिलाओं और बच्चियों के साथ रोज ही दुष्कर्म हो रहे हैं। हत्या, लूट से हाहाकार मचा है। कानून व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। समाजवादी सरकार के समय प्रदेश उत्तम प्रदेश बन रहा था। भाजपा ने प्रदेश की छवि खराब कर उसे हत्या प्रदेश बना दिया।

लखनऊ: योगी सरकार के पहले मंत्री मण्डल विस्तार में उपचुनाव और 2022 विधानसभा को देखते हुए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को भी साधने की पूरी कोशिश की गई है। सरकार ने मंत्रिमंडलीय विस्तार में मुख्यमंत्री ने युवाओं और नये लोगों को मंत्रिमण्डल में शामिल करके सत्ता पर काबिज रहने की तैयारी की झलक दिखाई है। योगी ने पहले विस्तार में लगभग हर क्षेत्रों के हर तबके तक पहुंच बनाने का प्रयास किया है। प्रदेश के लगभग सभी इलाकों से प्रतिनिधियों को कैबिनेट में शामिल किया है।

इस दौरान 11 विधायकों को राज्यमंत्री बनाया गया है। इनमें अनिल शर्मा, महेश गुप्ता, आनंद स्वरूप शुक्ला, गिरार्ज सिंह धमेर्श, लाखन सिंह राजपूत, नीलिमा कटियार, चौधरी उदयभान सिंह, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रामशंकर सिंह पटेल, अजित सिंह पाल और विजय कश्यप हैं। पश्चिम उप्र के मुजफ्फरनगर से कपिलदेव अग्रवाल और चरथावल से विधायक विजय कश्यप, बुलंदशहर से अनिल शर्मा, आगरा कैंट से जीएस धमेर्श और फतेहपुर सीकरी से चौधरी उदयभान सिंह, मैनपुरी से रामनरेश अग्निहोत्री को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

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