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लखनऊ: केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने राज्य की सभी सीमाएं सील कर दी हैं। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों से कहा है कि जो जहां है, वहीं उसे आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराएं। तिवारी सोमवार को कोविड-19 के संबंध में अन्य राज्यों में रह रहे प्रदेश के लोगों की मदद के लिए नामित नोडल अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि फोन कॉल पर घर वापस आने का अनुरोध किए जाने पर उन्हें विनम्रतापूर्वक समझाया जाए कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार यूपी का बॉर्डर सील कर दिया गया है। ऐसे में जो जहां हो, वह वहीं रुके, तभी लॉकडाउन का मकसद सफल होगा। यात्रा के अलावा उनकी हर समस्या का समाधान उसी स्थान पर करा दिया जाएगा। उन्हें यह भी बताएं कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लॉकडाउन की वजह से काम पर न जाने तथा वर्क फ्रॉम होम की दशा में उनको वेतन और मजदूरी भी दी जाएगी। मकान मालिक किराया भी नहीं लेगा। अन्य राज्यों के यूपी में रह रहे लोगों की भी हरसंभव सहायता की जाए।

आगरा (जनादेश ब्यूरो): लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से पैदल मुरैना के बड़फरा गांव के लिए निकले 39 साल के युवक की आगरा के सिकंदरा थाने में मौत हो गई। मौत से पहले रणवीर 200 किलोमीटर चल चुका था। युवक शुक्रवार की शाम 3 बजे अपने साथियों के साथ निकला था। शाम 6 बजे उसने अंबाह में ब्याही अपनी बहन पिंकी को फोन करके कहा कि मैं फरीदाबाद आ गया हूं और जल्द ही घर पहुंच जाऊंगा। शनिवार सुबह आगरा पहुंचने के बाद उसके साथी आगे निकल गए और सुबह 6.30 बजे सिकंदरा थाना क्षेत्र में सड़क किनारे ही उसकी मौत हो गई। परिजन मौत की वजह भूख-प्यास बता रहे हैं जबकि सिकंदरा थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है।

जानकारी के अनुसार रणवीर सिंह पुत्र रामलाल (35) दिल्ली में एक होटल में टिपिन डिलीवरी करने का काम करता था। लॉकडाउन की वजह से होटल मालिक ने उसकी छुट्‌टी कर दी। शुक्रवार को शाम 3 बजे रणवीर अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली से पैदल मुरैना के लिए निकला। सुबह 5.30 बजे रणवीर व उसके साथी आगरा पहुंच गए। इसके बाद रणवीर सुस्ताने के लिए रुक गया और उसके साथी आगे निकल आए। सुबह 6.30 बजे तक रणवीर के बहनोई प्रमोद सखवार ने उसके मोबाइल पर कॉल किया तो एक राहगीर ने फोन उठाया और बताया, रणवीर की तो मौत हो चुकी है।

नोएडा: कोरोना वायरस से फैल रही महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन का एलान किया गया है। इससे सबसे अधिक परेशानी रोज कमाने खाने वालों को हो रही है। हालात ये हो गए हैं कि वे अपने मूल घर वापस लौटने के लिए बाहर निकलने लगे हैँ। शनिवार को गाजियाबाद के यूपी गेट पर यूपी और बिहार के रहने वाले हजारों लोग पहुंच गए। इसी बीच नोएडा के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने किराए के मकान में रह रहे लोगों को बड़ी राहत देते हुए किसी भी मकान मालिक को एक महीने तक किराया ना लेने को कहा है।

डीएम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोई मजदूर या कर्मचरी जो किसी भी कंपनी या कार्यालय में काम करते हैं। उनसे किसी भी दशा में एक महीने तक किराया नहीं मांगा जाए। अगर कोई ऐसा करता हुआ मिला तो उस पर कार्रवाई होगी।

नई दिल्ली: कोरोना के चलते पूरी तरह लॉकडाउन के कारण लोगों और खासकर बाहर काम करने वालें मजदूरों के अपने घर लौटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर यूपी परिवहन दिल्ली की सीमा से जुड़े लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए बसें चला रहा है। इसके लिए बसों को नोएडा और गाजियाबाद पहुंचाया जा रहा है। आज सुबह 8 बजे से हर 2 घंटे में लगभग 200 बसें प्रस्थान कर रही है। ये बसें 28 और 29 मार्च को चलेंगी। इन बसों को लेने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। कुछ बसें जो पहले ही गाजियाबाद नोएडा और सीमावर्ती क्षेत्रों से निकल चुकी हैं, वे यूपी में विभिन्न गंतव्य के रास्ते पर हैं।

सरकार ने अब इन सभी यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के डीएम, एसपी और एसएसपी को इन बसों को न रोके जाने का निर्देश दिया है। दिल्ली की सीमा से लेकर यूपी के विभिन्न जिलों में लोगों को ले जाने का विशेष कार्य 28 और 29 मार्च तक जारी रहेगा। सरकार ने कहा है कि हम सभी डीएम से अनुरोध करेंगे कि वे आज और कल अपने डिस्ट्रिक्ट पॉइंट्स तक पहुंचने वाली बस की डिटेल्स पर ध्यान दें।

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