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लखनऊ: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण के खिलाफ आंदोलनरत कार्मिकों के कार्य बहिष्कार को समाप्त कराने की कोशिशें देर रात विफल हो गईं। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की उपस्थिति में जिन बातों पर सहमति बनी थी उनके जाने के बाद बात बिगड़ गई। अपर मुख्य सचिव व पावर कारपोरेशन के सीएमडी अरविंद कुमार ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कार्य बहिष्कार जारी रखने का फैसला लिया है। 

सोमवार रात आठ बजे से ही शक्ति भवन में कार्य बहिष्कार समाप्त करने के लिए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों तथा पावर कारपोरेशन के अधिकारियों की बैठक रात आठ बजे से चल रही थी। रात दस बजे सूचना आई कि समझौता हो गया और कार्य बहिष्कार समाप्त। इसके कुछ देर बाद ही यह सूचना आई कि सीएमडी ने हस्ताक्षर करने से मना किया, वार्ता विफल। 

लखनऊ: यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि कुछ संगठनों द्वारा हाथरस कांड के सहारे प्रदेश का माहौल और सरकार की छवि बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है। मामले में अलग-अलग थानों में मुकदमे लिखे गए हैं और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ 13 केस दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि हाथरस में प्रशासन की तरफ से विभिन्न राजनैतिक दलों के पांच-पांच लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी गई थी लेकिन कई दलों ने नियमों को तोड़ते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्व सुनियोजित तरीके से अमन चैन बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम मामले की विवेचना कर रहे हैं। वहीं, विवादित पोस्टर लगाने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हाथरस में दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर कुछ अराजक तत्व प्रदेश में अमन चैन बिगाड़ने और जातीय द्वेष फैलाने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार को भड़काने, गलत बयान देने के लिए दबाव बनाने और उन्हें 50 लाख रुपये का प्रलोभन देने की कोशिश करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

हाथरस/अलीगढ़: पूरे देश को झकझोर देने वाले निर्भया कांड की वकील सीमा कुशवाहा अब चंदपा की बिटिया की वकालत करेंगी। सीमा कुशवाह रविवार शाम करीब सात बजे गांव पहुंचीं और उन्होंने पीड़ित बिटिया के परिवार के लोगों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह बिटिया को इंसाफ दिलाने के लिए पूरी लड़ाई लड़ेंगी। यहां पहले से मौजूद एक अधिवक्ता भी इस तरह की पेशकश कर चुके हैं। 

आपको बता दें कि इससे पहले बहुचर्चित निर्भया कांड की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा बृहस्पतिवार को चंदपा आई थीं। वह भी बिटिया के गांव जाना चाहती थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी नहीं जाने दिया और एसआईटी जांच का हवाला दिया। इस दौरान उनकी पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हुई। वह लौटकर थाने आ गईं। 

उनकी डीएम, एसपी से काफी देर तक बातचीत हुई और उन्होंने यह भी कहा कि वह पीड़ित परिवार से मिलना चाहती हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने उन्हें गांव नहीं जाने दिया।

नई दिल्ली: हाथरस गैंगरेप मामले में आगरा की फॉरेंसिक रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के साथ रेप के सबूत नहीं मिले हैं। इसमें कहा गया कि पीड़ित के वैजाइनल स्वाब में स्पर्म नहीं मिले। बता दें कि वारदात के 11 दिन बाद सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए पहुंचे थे। हालांकि, फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मानें तो इतने दिन बाद वैजाइनल सैंपल की जांच करने पर कोई नतीजा नहीं आ सकता क्योंकि देरी से स्पर्म खत्म हो जाते हैं। वारदात के 48 घंटे में सैंपल लिए जाएं तो कोई नतीजा आ सकता है।

बता दें कि 22 सितंबर को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में पीड़ित के बयान के बाद उसकी जांच की गई थी। उस जांच में यौन हिंसा की बात नहीं कही गई थी। हालांकि, कहा गया था कि इस बात के संकेत मिले हैं कि पीड़ित के साथ जबरदस्ती हुई है। आगे की जांच के लिए आगरा की फॉरेंसिक लैब में वैजाइनल स्वाब भेजे गए जो 25 सितंंबर को आगरा की लैब में पहुंचे।

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