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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (17 मार्च,2025) को अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने तुलसी गबार्ड को महाकुंभ का पवित्र जल तोहफे के तौर पर दिया। वहीं, तुलसी गबार्ड की ओर से पीएम मोदी को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर तुलसी की माला भेंट की गई। इससे पहले पीएम मोदी ने मॉरीशस के दौरे पर राष्ट्रपति धरमबीर गोखुल को भी महाकुंभ का जल भेंट किया था।

पीएम मोदी और तुलसी गबार्ड की ये मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है। सोमवार को पीएम मोदी संग मुलाकात से पहले तुलसी गबार्ड ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की। इस मुलाकात में भारत की ओर से अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठन सिख फॉर जस्टिस पर कार्रवाई करने की मांग की गई। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू इस संगठन एसएफजे का सर्वेसर्वा है। तुलसी गबार्ड की पीएम मोदी संग ये दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले दोनों की फरवरी में मुलाकात हुई थी, जब पीएम मोदी अमेरिकी दौरे पर गए थे।

वॉशिंगटन डीसी में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। उसके बाद पीएम मोदी ने तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात में आतंकवाद और साइबर सिक्योरिटी को लेकर आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी और इंडिया-अमेरिका रिश्तों को ओर भी प्रगाढ़ करने को लेकर कई मुद्दों पर बात हुई थी।

अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख नई दिल्ली में मंगलवार (18 मार्च, 2025) को रायसीना डायलॉग को संबोधित करेंगी। रायसीना डायलॉग भारत का एक प्रमुख बहुराष्ट्रीय मंच है, जिसमें जिओ-पॉलिटिक्स और जिओ-इकोनॉमिक्स को लेकर गहन मंथन किया जाता है। भारत 2016 से रायसीना डायलॉग की मेजबानी कर रहा है।

तुलसी गबार्ड रायसीना डायलॉग में हिस्सा लेने भारत आई हैं। गबार्ड इंडो-पैसिफिक की बहु-राष्ट्र यात्रा पर हैं। भारत के बाद उनका जापान और थाईलैंड का भी दौरा होना है, इसमें ट्रंप के शांति, स्वतंत्रता और समृद्धि जैसे उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मजबूत संबंध, समझ और कम्युनिकेशन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। तुलसी गबार्ड को पिछले महीने ही अमेरिका के खुफिया प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। इसमें वो लगभग 100 बिलियन डॉलर के बजट वाली सीआईए, एफबीआई और एनएसए सहित 18 अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की कमान संभाल रही हैं।

 

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