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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक सांसद ने सोमवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि फरवरी महीने में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे को रोकने में रेल प्रशासन और रेल मंत्री पूरी तरह से नाकाम रहे थे।

तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने वर्ष 2025-26 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांग पर चर्चा और मतदान में हिस्सा लेते हुए कहा कि संपूर्ण रेलवे बजट में कमी आई है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह वित्त वर्ष 2023-24 के 2.92 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2025-26 में 2.65 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस तरह यह नौ प्रतिशत से अधिक की गिरावट है।’’

बनर्जी ने कहा कि बजट में कमी से न केवल रेलवे में सेवा की गुणवत्ता प्रभावित होगी बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी इसका असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रियों की सुविधाओं पर आवंटन में लगातार कमी आई है, स्टेशनों के रखरखाव, शौचालय, टिकटिंग सर्विस और अन्य यात्री केंद्रित सुविधाओं में लगातार कमी आई है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 200 रेल दुर्घटनाओं में 351 लोग की मौत हुई और 970 घायल हुए।

बनर्जी ने हालिया रेल दुर्घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि 15 फरवरी 2025 को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोग मारे गए, जब हजारों हिंदू तीर्थयात्री महाकुंभ (प्रयागराज) जाने के लिए स्टेशन पर प्रतीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह देखा गया कि इस हादसे को रोकने में रेलवे मशीनरी नाकाम हो गई और रेल मंत्री नाकाम रहे।’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सचिदानंदम आर. ने आरोप लगाया कि भारतीय रेलवे द्वारा परचालित की जा रही यात्री ट्रेनों को अब एक्सप्रेस ट्रेनों में तब्दील कर दिया गया है।

उन्होंने वंदे भारत और तेजस जैसी ट्रेनें अमीर लोगों के लिए शुरू किये जाने का दावा करते हुए, आम आदमी के लिए अमृत भारत गैर एसी (वातानुकूलित) ट्रेन, अमृत भारत पैसेंजर ट्रेन परिचालित किये जाने की मांग की।

उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए टिकट में रियायत का भी अनुदान की मांगों में कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

वहीं, जनता दल (सेक्युलर) के एम मल्लेश बाबू ने देश के प्रत्येक स्टेशन पर ‘मिनी मेडिकल कियोस्क’ खोलने की मांग की।

उन्होंने कहा कि यात्रियों को स्टेशन पर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पेश आने पर वहां से बाहर निकलकर दवा खरीदनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि स्टेशन पर इस तरह की दवा दुकानें खोले जाने से यात्रियों को वहां से बाहर नहीं निकलना पड़ेगा।

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