नई दिल्ली: हाथरस गैंगरेप मामले में आगरा की फॉरेंसिक रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के साथ रेप के सबूत नहीं मिले हैं। इसमें कहा गया कि पीड़ित के वैजाइनल स्वाब में स्पर्म नहीं मिले। बता दें कि वारदात के 11 दिन बाद सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए पहुंचे थे। हालांकि, फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मानें तो इतने दिन बाद वैजाइनल सैंपल की जांच करने पर कोई नतीजा नहीं आ सकता क्योंकि देरी से स्पर्म खत्म हो जाते हैं। वारदात के 48 घंटे में सैंपल लिए जाएं तो कोई नतीजा आ सकता है।
बता दें कि 22 सितंबर को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में पीड़ित के बयान के बाद उसकी जांच की गई थी। उस जांच में यौन हिंसा की बात नहीं कही गई थी। हालांकि, कहा गया था कि इस बात के संकेत मिले हैं कि पीड़ित के साथ जबरदस्ती हुई है। आगे की जांच के लिए आगरा की फॉरेंसिक लैब में वैजाइनल स्वाब भेजे गए जो 25 सितंंबर को आगरा की लैब में पहुंचे।
जाने-माने फॉरेंसिक एक्सपर्ट के एल शर्मा की मानें तो गैंगरेप के मामले में मेडिकल जांच में देरी होने से स्पर्म तो नहीं मिलते जो किसी भी केस बहुत ही कम मिलते हैं। लेकिन पीड़िता के साथ जबरदस्ती के सबूत जरूर मिलते हैं। जैसे- उसके निजी अंगों में खरोंच या दूसरे चोट के हल्के निशान या नाखून की खरोंच के निशान। ये भी यौन हिंसा ही माना जाता है।
इस मामले में अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में हुई मेडिकल जांच में ऐसी किसी चोट का ज़िक्र नहीं है लेकिन इतना जरूर कहा गया कि जबरदस्ती के निशान मिले है। सफदरजंग अस्पताल की रिपोर्ट में ऐसी चोट का ज़िक्र नहीं है. हालांकि, वो जांच वारदात के 15 दिन बाद हुई थी।