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नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटना की जांच अपने हाथ में ले ली है और इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस युवती की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने रविवार सुबह भारतीय दंड संहिता की सामूहिक बलात्कार और हत्या से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की। इससे पहले मृतका के भाई की शिकायत पर हाथरस जिले के चंदपा थाने में इस घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।

सीबीआई के प्रवक्ता आर. के गौड़ ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता ने 14 सितंबर को आरोप लगाया था कि आरोपियों ने बाजरे के खेत में उसकी बहन का गला घोंटने की कोशिश की। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर और उसके बाद भारत सरकार की अधिसूचना के बाद सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है।’’ उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एजेंसी ने एक दल का गठन किया है।

गोंडा: गोंडा जिले के इटियाथोक थाना क्षेत्र में शनिवार रात मंदिर के एक पुजारी के सीने में बंदूक सटाकर गोली मार दी गई। बुरी तरह घायल हुए पुजारी की हालत गंभीर है। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि वारदात को जमीन के विवाद में अंजाम दिया गया। मामले में चार लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई है। पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी है।

दरअसल, इलाके के तिर्रे मनोरमा मंदिर की 100 बीघा जमीन पर दबंगों की नजर है जिसे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। मंदिर में महंत सीताराम दास व छोटे बाबा उर्फ सम्राट दास पूजा पाठ करते हैं। शनिवार रात दबंगों ने छोटे बाबा के सीने में बंदूक सटाकर गोली मार दी। वारदात से हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी पर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र पांडेय ने रात तीन बजे ही घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस फोर्स तैनात कर दी। उधर, हमले में घायल छोटे बाबा को जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुए कथित गैंगरेप और मौत केस को अब सीबीआई ने टेकओवर कर लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी जल्द ही मामले में जांच शुरू कर देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस केस की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी। अधिकारियों ने शनिवार देर शाम इस बात की जानकारी दी। बता दें कि 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर चार युवकों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। पीड़िता का इलाज के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पातल में 29 सितंबर को मौत हो गई थी।

14 सितंबर को हुए इस घटना के बाद पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धारा में मामला दर्ज कर लिया था। चारों आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं। घटना के बाद पीड़िता कई दिनों तक बेसुधी के हालत में रही। तबीयत बिगड़ने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां पर 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री की तरह यूपी में भी मुख्यमंत्री सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है। प्रश्न तो यह उठता है जब 2020 में भी मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाएं प्रदेश की जनता किस हाल में है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी सुरक्षा पर ही इतना ज्यादा चिंतित है कि प्रदेश की जनता की दहशत भरी जिंदगी के बारे में सोचने का उन्हें समय ही नहीं। अपराधियों के बुलंद हौसलों के आगे सरकार नतमस्तक है। 

अखिलेश ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न संबंधी कुल मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यूपी में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की प्रदेश में 272 घटनाएं पुलिस रिकार्ड का हिस्सा बनीं। 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए।

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