नागपुर: नागपुर में सोमवार (17 मार्च) की शाम को शुरू हुई हिंसा देर रात तक और ज्यादा भड़क गई. इसमें कई पुलिसकर्मियों के चोटें आई हैं। वहीं अब इस घटना को लेकर दर्ज हुई एफआईआर में बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें तीन ऐसी घटनाओं का जिक्र है जिसके चलते शाम को हिंसा तेज हो गई।
दरअसल, नागपुर मामले में एफआईआर के मुताबिक पुलिस थाना गणेशपेठ के अंतर्गत सोमवार (17 मार्च) सुबह के बीच वीएचपी, बजरंग दल के 200 से 250 कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की खबर हटाने के नारे देकर प्रतीकात्मक कब्र जलाकर आंदोलन किया। इस मामले में वैंकूवर पुलिस ने वीएचपी, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर कारवाई की। इसके के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज पुतले के पास के परिसर में दोपहर की नमाज के बाद वीएचपी, बजरंग दल के आंदोलन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए 200-250 लोग जमा हुए और नारेबाजी शुरू की। इनका आक्षेप था कि जिस प्रतीकात्मक कब्र को जलाया गया उसपर हरे रंग का कपड़ा था जिसपर कुरान की आयात लिखी हुई थी। इस उग्र भीड़ ने आगजनी करने का धमकी दी।
पथराव और आगजनी
वहीं स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग किया गया। फिर दोपहर तीन बजे मुस्लिम समाज के कुछ लोगों को पुलिस थाने ले जाकर शिकायत दी गई और पुलिस द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन देकर भीड़ को वापस भेजा गया। इसके बाद हंसापुर परिसर में शाम के समय 200 से 300 मुस्लिम समाज के लोगों ने नारेबाजी करते हुए पथराव और आगजनी की।
18 साल के युवक के सिर पर हमला
इसमें तीन घटनाओं का जिक्र है। एक घटना अग्रसेन चौक पर सुबह 11 बजे हुई, जहां दो पक्षों के लोग आमने सामने आए और पथराव हुआ। यहां छह बाइक और दो गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई और एक आदमी जख्मी हुआ। इसी जगह पर आधे घंटे बाद रजा खान नाम के 18 साल के युवक के सिर पर किसी ने हमला किया और वो जख्मी हो गया।
कई पुलिसकर्मी घायल
ये दो घटनाएं होने के बाद शाम 7:30 बजे लोग इक्ट्ठा हुए। इसमें एक क्रेन, दो जेसीबी और तीन गाड़ियां जला दी गईं। 20 बाइक्स और 1 सरकारी गाड़ी में तोड़फोड़ हुई है। 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है। दो लोग जख्मी हैं और अस्पताल में हैं। तीन डीसीपी, एक एसीपी और 14 पुलिस अधिकारी और 15 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं।