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लखनऊ: हाथरस के चंपदा इलाके में बिटिया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और मौत मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) को अपनी रिपोर्ट देने का समय 10 दिन बढ़ा दिया गया है। 

आपको बता दें कि हाथरस दुष्कर्म और मौत मामले की जांच के लिए एसआईटी को पहले सात दिन का समय दिया गया था। जिसकी मियाद आज पूरी हो रही है। एसआईटी टीम ने जांच के लिए और 10 दिन का समय मांगा था, जिसे यूपी सरकार ने मंजूरी दे दी है। 

हाथरस गैंगरेप मामले की जांच के लिए सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में बनाई गई एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली थी। एसआईटी अपनी रिपोर्ट शासन को अपनी रिपोर्ट आज सौंपनी थी। भगवान स्वरूप के अलावा एसआईटी में डीआईजी चंद्र प्रकाश द्वितीय और एसपी पूनम बतौर सदस्य शामिल हैं।

लखनऊ: प्रदेश के बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं का सोमवार से शुरू हुआ प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार मंगलवार शाम को समाप्त हो गया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की कैबिनेट उप समिति के बीच वार्ता में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की सहमति बन जाने के बाद कार्य बहिष्कार समाप्त करने का एलान किया गया। दोनों मंत्रियों और मुख्य सचिव आर. के. तिवारी की मौजूदगी में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व पावर कार्पोरेशन प्रबंधन के बीच समझौते पर दस्तखत किए गए।

शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कार्पोरेशन केअध्यक्ष अरविंद कुमार, राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक सैंथिल पांडियन व निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) ए.के. पुरवार ने समझौते पर दस्तखत किए। समझौते में कहा गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का प्रस्ताव राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। इसके अलावा पूर्वांचल निगम के संबंध में  किसी अन्य व्यवस्था का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

हाथरस: हाथरस कांड के बाद से मृतका के गांव का माहौल अब तक सामान्य नहीं हो पाया है। एक तरफ पुलिस फोर्स ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है, वहीं दूसरी ओर मीडिया का भी जमावड़ा लगा हुआ है। ऊपर से नेता-राजनेताओं के आने से माहौल का बनना-बिगड़ना भी जारी है। 

इसी बीच मंगलवार को मृतका के परिजनों से मिलने के लिए सीपीआई व सीपीएम का प्रतिनिधि मंडल गांव पहुंचा। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि योगी सरकार लोगों को मुद्दे से भटकाने का काम कर रही है। प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि बिटिया के प्रकरण में हद दर्जे की लापरवाही बरती गई है।

केंद्रीय मंत्री अठावले भी मिले

दोपहर बाद केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले भी मृतका के घर पहुंचे। उन्होंने काफी देर तक परिजनों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली।

नई दिल्ली: हाथरस में युवती के साथ हुई हैवानियत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. जिसमें कहा कि कथित बलात्कार और हमले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए जाना चाहिए। यूपी सरकार ने कहा कि हालांकि वो मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है लेकिन "निहित स्वार्थ" निष्पक्ष जांच को पटरी से उतारने के मकसद से प्रयास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि 14 सितंबर को मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज करके तत्काल कदम उठाया था।

यूपी सरकार ने आधी रात पीड़िता की अंत्येष्टि करने की वजह भी बताई। उनके अनुसार खुफिया एजेंसियों के इनपुट थे कि इस मुद्दे को लेकर सुबह बड़े स्तर पर दंगा करने की तैयारी की जा रही है, अगर सुबह तक इंतजार करते तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी। राज्य सरकार ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई की जांच हो क्योंकि झूठे नैरेटिव के माध्यम से जांच को बाधित करने की कोशिश की जा सकती है।

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