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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा-बसपा, दोनों सपा को हराने के लिए एक साथ हैं। इसके पीछे कोई वजह तो होगी जो दोनों पार्टियां हमसे लड़ना चाहती हैं। उन्होंने चुटकी ली कि वर्ष 2022 में भाजपा सरकार की विदाई के साथ ही कोरोना समेत सभी बीमारियां खत्म हो जाएंगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में संविधान खतरे में है। दलितों, पिछड़ों, सवर्णों, सभी को अपमानित किया जा रहा है। हम भाजपा सरकार को हटाकर एक अच्छी सरकार बनाने के लिए सपा में अच्छे लोगों को जोड़ रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई लाख सफाई दे, लेकिन जनता जानना चाहती है कि सपा को हराने के लिए भाजपा व बसपा की चाहत एक जैसी क्यों है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा से नाराज जनता उपचुनावों में उसे सबक सिखाएगी। उपचुनाव में भाजपा सरकार सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग कर रही है। कोटेदारों, प्रधानों को वोट दिलाने के लिए धमकाया जा रहा है।
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लखनऊ: फ्रांस में एक पत्रिका में प्रकाशित कार्टून और हत्या के मामले में विवादित बयान देने पर शायर मुनव्वर राना के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में सोमवार को एफआईआर दर्ज कराई गई। यह एफआईआर सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार पाण्डेय ने दर्ज कराई है। एफआईआर में मुनव्वर राना पर उनके बयान विभिन्न समुदायों में वैमनस्यता फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है। इस मामले में आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए, 298,505(1)(बी), 505(2), 67,66 आईटी एक्ट लगाया गया है।
सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने एफआईआर में लिखाया है कि फ्रांस की घटना पर मुनव्वर राना ने एक न्यूज चैनल को लखनऊ में दिए इंटरव्यू में विवादित बयान दिया। ये बयान सोशल मीडिया व कई अन्य वेबसाइट्स पर तेजी से वायरल हो रहा है। मुनव्वर राना के दिए इस बयान से विभिन्न समुदायों में वैमन्स्यता फैलने और सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इससे शांति भंग होने की भी आशंका है। इंस्पेक्टर हजरतगंज अजंनी पाण्डेय ने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है। जल्दी ही इसमें विधिक कार्रवाई भी की जायेगी।
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए हुए नामांकन के बाद आज सोमवार को सभी 10 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए। चुनाव के लिए मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। विजेता उम्मीदवारों में भाजपा के आठ, सपा व बसपा का एक-एक प्रत्याशी है। समाजवादी पार्टी की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और बसपा से रामजी गौतम को विजेता घोषित किया गया है।
राज्यसभा के लिए 10 सीटों पर चुनाव होने थे जिन पर प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना पहले से ही तय था। लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा एक निर्विरोध प्रत्याशी खड़ा किए जाने से हलचल मच गई। वहीं, बसपा के सात विधायकों ने सपा के समर्थन में अपना रुख जाहिर किया जिस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया। हालांकि, इन चुनाव में बसपा व भाजपा के बीच करीबियां नजर आईं। जिस पर मायावती ने सोमवार को बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि वह राजनीति से सन्यास ले लेंगी लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन कभी नहीं करेंगी।
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लखनऊ: कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशियों को हराने के लिए भाजपा के पक्ष में वोटिंग से परहेज नहीं करने की बात कहने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अब नया बयान दिया है। बसपा प्रमुख ने कहा है कि भाजपा के साथ कोई भी गठबंधन करने के बजाय वे राजनीति से संन्यास लेना पसंद करेंगी। बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'किसी भी चुनाव में भाजपा के साथ बसपा का कोई भी गठबंधन भविष्य में संभव नहीं है। बसपा एक सांप्रदायिक पार्टी के साथ चुनाव नहीं लड़ सकती।'
उन्होंने कहा, 'हमारी विचारधारा 'सर्वजन सर्वधर्म हिताय की है और यह भाजपा की विचारधारा के विपरीत है। बीएसपी उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकती जो सांप्रदायिक, जातिवादी और पूंजीवादी विचारधारा के हैं।' गौरतलब है कि मायावती ने पिछले सप्ताह कहा था कि विधान परिषद और राज्यसभा सहित भविष्य के चुनावों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की हार सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को भी वोट करने के से भी परहेज नहीं करेगी।
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