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लखनऊ: राज्यसभा चुनाव के लिए बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर नाम वापसी की अर्जी देने वाले बसपा विधायकों ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। विधायकों के इस फैसले से बसपा प्रत्याशी की उम्मीदवारी पर संकट खड़ा हो गया है।

बता दें कि विधायकों की इस बगावत से बसपा मुश्किल में पड़ गई है। इन विधायकों में असलम राईन, असलम चौधरी, गोविंद भार्गव, हाकिम सिंह बिंद और मुज्तबा सिद्दीकी हैं। इन सभी ने प्रस्तावक के रूप में नाम वापस लेने की अर्जी दे दी है। बता दें कि रामजी गौतम ने राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में 26 अक्तूबर को नामांकन किया था तब उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा व कई अन्य नेता मौजूद थे।

भिनगा के बसपा विधायक मो. असलम राईन ने फोन पर बताया कि चार विधायकों ने लिखकर दिया है कि राम जी गौतम के प्रस्तावक के रूप में उन लोगों ने दस्तखत नहीं किया। उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए हैं।

लखनऊ: यूपी राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा को जोरदार झटका लगा है। बसपा के प्रत्यशी रामजी गौतम के 10 प्रस्तावकों में से 5 प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस लिया। इनमें असलम चौधरी ,असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दीकी ,हाकम लाल बिंद ,गोविंद जाटव शामिल हैं। कल ही असलम चौधरी की पत्नी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। यूपी में दस राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा की ओर से आठ, समाजवादी पार्टी के एक, बहुजन समाज पार्टी के एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। 

राज्यसभा चुनाव की जंग सपा ने बिछाए बसपा की राह में कांटे

इससे पहले ऐन मौके पर सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के मैदान में आ जाने से अब राज्यसभा चुनाव की जंग रोचक हो गई थी। अगर सबके पर्चे सही पाए गए तो 11 प्रत्याशियों में से 10 को चुनने के लिए मतदान होगा। विधायकगण वोट डालेंगे। सपा की इस चाल से चुनाव की नौबत आ गई है। इससे बसपा का खेल मुश्किल हो गया है। इससे बड़ी बात यह कि  विधायकों में क्रासवोटिंग के आसार भी अब बनेंगे।

लखनऊ: देश की अर्थव्यवस्था में रेहड़ी पटरी वालों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी ईमानदारी की भावना की सराहना की और कहा कि गरीब कभी ईमानदारी और आात्‍मसम्‍मान से समझौता नहीं करता है और आज पूरा देश उनके श्रम का सम्मान कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पीएम स्‍वनिधि योजना के तहत लाभ पाने वाले उत्‍तर प्रदेश के रेहड़ी-पटरी व्‍यवसायियों से वर्चुअल मीडिया के जरिये मुखातिब थे।

मोदी ने कहा कि घपले-घोटाले करने वालों ने बेईमानी का सारा ठीकरा गरीबों के सिर फोड़ने की कोशिश की और उन लोगों ने ऐसी हवा बना दी थी कि गरीब को लोन दे दो तो पैसा लौटाएगा नहीं, लेकिन उन लोगों को जवाब मिल गया है जो गरीबों को बैंकिंग से जोड़ने का उपहास उड़ाते थे। मोदी ने कहा कि गरीब कभी ईमानदारी और आत्‍मसम्‍मान से समझौता नहीं करता है और देश के सामने गरीबों ने अपनी ईमानदारी का उदाहरण पेश किया है।

नई दिल्ली: हाथरस मामले की निगरानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया। उच्चतम न्यायलय के अनुसार सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच के बाद कोर्ट तय करेगा कि केस का ट्रान्सफर उत्तर प्रदेश से दिल्ली किया जाए या नही। इसके अलावा पीड़ितों व गवाहों की सुरक्षा पर भी हाईकोर्ट ध्यान देगा। कोर्ट के अनुसार सीबीआई हाईकोर्ट को रिपोर्ट करेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित परिवार ने अपील की थी कि इस मामले का ट्रायल दिल्ली में हो। 

चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की बेंच ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गई। बताते चलें कि हाथरस में एक युवती के साथ हैवानियत के बाद हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने तमाम विरोध के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया था।

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