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अमेठी: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के चुनाव क्षेत्र अमेठी के एक गांव में एक दलित प्रधान के पति को ज़िंदा जलाने का मामला सामने आया है। पीड़ित शख्स 90 फीसद जली हालत में गांव के ही एक ऊंची जाति के शख्स के घर के हाते में मिले, लेकिन अस्पताल जाते हुए उनकी मौत हो गई। प्रधान ने गांव के ही पांच लोगों पर पति को जिंदा जलाने का आरोप लगाया है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

अमेठी के बंदुहिया गांव की प्रधान छोटका के पति अर्जुन गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे गांव के चौराहे पर चाय पीने गए थे। वहां से वो गायब हो गए। प्रधान छोटका का आरोप है कि गांव के कृष्ण कुमार तिवारी और उनके चार साथी उन्हें चौराहे से उठा ले गए और अपने घर के हाते में जिंदा जला दिया। उनका आरोप है कि कृष्ण कुमार उन्हें धन उगाही के लिए धमकी देते थे। उनका कहना था कि प्रधान के पास काफी सरकारी पैसा होता है। उन्हें उसमें से "कट" दिया जाए। उनका कहना है कि उनके पास ऐसा कोई पैसा नहीं है, जिसमें उन्हें हिस्सा दिया जाता। इसलिए रंजिश में उन्होंने उन्हें जल दिया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। उन्नाव से पूर्व सांसद और पार्टी की वरिष्ठ नेता अन्नू टंडन ने इस्तीफा दे दिया है। अपना इस्तीफा ट्वीट करते हुए उन्होंने प्रदेश नेतृत्व से कोई तालमेल न होने और सहयोग न मिलने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। अन्नू के साथ ही यूपी कांग्रेस महासचिव अंकित परिहार ने भी पार्टी  छोड़ दी है। 

अन्नू टंडन ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा से बातचीत से भी आगे का कोई रास्ता नहीं निकल सका। अन्नू ने कहा कि उन्हें इतना दुख 2019 का लोकसभा चुनाव हारने का नहीं हुआ जितना की पार्टी संगठन की तबाही और बिखराव देखकर हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का नेतृत्व सोशल मीडिया मैनजमेंट और व्यक्तिगत ब्रांडिंग में लीन है। पार्टी और वोटरों के बिखर जाने से उनको कोई मतलब नहीं है।

पूर्व सांसद ने कहा कि नेक इरादों के बावजूद मेरे कुछ सहयोगी और बेहद ही अस्तित्वहीन व्यक्ति मेरा झूठा प्रचार कर रहे हैं। तकलीफ तब होती है, जब शिकायत के बाद भी पार्टी का नेतृत्व कोई प्रभावी कदम नहीं उठाता है।

लखनऊ: बसपा के कुछ विधायकों के पाला बदलकर सपा का दामन थामने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गठबंधन के पूर्व सहयोगी अखिलेश यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सपा को हराने के लिए अगर भाजपा को वोट करना पड़े तो वह भी किया जाएगा। मायावती ने कहा कि सपा से गठबंधन की भलाई के लिए 1995 के गेस्ट हाउस कांड का केस वापस लेना उनकी भूल थी। उनके इस बयान को यूपी में नौ नवंबर के राज्यसभा चुनाव में पार्टी को लगे झटके से जोड़कर देखा जा रहा है। बीएसपी महासचिव सतीश मिश्रा ने भी कहा कि खरीद-फरोख्त सपा की पुरानी प्रथा है। इसमें कोई नई चीज नहीं है। इस चीज के जरिये उन्होंने जो संदेश दिया है कि उससे पूरा देश और पूरे प्रदेश उनके खिलाफ थू-थू करने के काम करेगा।

मायावती ने कहा कि यूपी के विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए जरूरी हुआ तो भाजपा के पक्ष में भी वोट करेंगी। गौरतलब है कि बसपा के सात विधायकों ने बगावत कर अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के प्रस्तावक बने दस विधायकों में भी पांच ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था।

लखनऊ: यूपी में राज्यसभा की दस सीटों के लिए होने वाले चुनाव का सस्पेंस बुधवार को खत्म हो गया। एक प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने से अब केवल दस ही प्रत्याशी बचे हैं। ऐसे में चुनाव नहीं कराना होगा। राज्यसभा में दावेदारी के लिए भाजपा की तरफ से आठ, सपा और बसपा की तरफ से एक-एक प्रत्याशी के अलावा निर्दल के रूप में प्रकाश बजाज ने नामांकन दाखिल कर दिया था। दस सीटों पर 11 प्रत्याशियों के नामांकन से मतदान की नौबत आ गई थी।

भाजपा के आठ और सपा के एक प्रत्याशी की जीत में तो कोई संशय नहीं था लेकिन निर्दल के रूप में उतरे प्रकाश बजाज के कारण बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम की सीट फंसती नजर आ रही थी। इसी बीच बुधवार की दोपहर रामजी गौतम के पांच प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस लेने का आवेदन दे दिया। मतपत्रों की जांच के दौरान पीठासीन अधिकारी ने एक बार प्रस्ताव करने के बाद वापस लेने को औचित्यहीन माना। ऐसे में विधायकों की बगावत के बाद भी बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम का पर्चा सही पाया गया। 

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