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लखनऊ: नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा एसएसपी प्रकरण में प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह व मुख्य सचिव गृह को बुलाकर गहरी नाराजगी जताते हुए यह कार्रवाई की। मामले में डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी प्रेस कांफ्रेस भी कर सकते हैं।

बता दें कि नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वायरल अश्लील वीडियो और पांच आईपीएस अफसरों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उम्मीद की जा रही थी कि डीजीपी ओम प्रकाश सिंह के लखनऊ लौटने के बाद इस पर अंतिम निर्णय हो जाएगा, लेकिन अधिकारियों के बीच मंथन के बाद भी निर्णय नहीं हो सका। जिस पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी और मुख्य सचिव गृह को बुलाकर जानकारी ली और कार्रवाई का निर्देश दिया।

 

डीजीपी ने 24 घंटे में मांगा था स्पष्टीकरण

यह पूरा प्रकरण प्रकाश में आने के बाद डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और गोपनीय पत्र को सार्वजनिक करने को पुलिस सेवा नियमावली का उल्लंघन करार दिया था। उन्होंने आईजी मेरठ के जरिए इस मामले में नोएडा के एसएसपी से 24 घंटे में स्पष्टीकरण भी मांगा था। कथित वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) की जिस रिपोर्ट को आधार बनाकर एसएसपी ने पांच आईपीएस अफसरों पर संगीन आरोप लगाए हैं, उसने आईपीएस लॉबी में हलचल पैदा कर दी है।

मोबाइल फोन की जांच के आधार पर बनाई गई इस रिपोर्ट पर कार्रवाई की गई तो लखनऊ से लेकर नोएडा तक कई अधिकारियों के फंसने की आशंका है। इस रिपोर्ट में न केवल चुनिंदा आईपीएस अफसरों के नाम शामिल हैं, बल्कि 9 हेड कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के नाम शामिल हैं।

रिपोर्ट में ट्रांसफर-पोस्टिंग के इस खेल का एक मास्टरमाइंड चंदन राय और दूसरा अतुल शुक्ला एक आरएसएस कार्यकर्ता का खास बताया जा रहा है। अहम बात यह है कि पिछले साल गिरफ्तार चार कथित पत्रकारों के मोबाइल की जांच के आधार पर सीईआरटी की रिपोर्ट तैयार की गई थी। जिसे एसएसपी ने पुलिस महानिदेशक और अपर मुख्य सचिव गृह को भेजा गया था।

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