वाराणसी: वेतन विसंगति दूर करने, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में बैंक, बीमा व डाकघरों में बुधवार को हड़ताल रही। ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन से संबद्ध बैंक कर्मचारी यूनियनों ने तालाबंदी रखी। इस हड़ताल से बनारस सहित आसपास के जिलों में एक हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंकों में नेफ्ट, आरटीजीएस व फंड ट्रांसफर नहीं हो सके। 20 हजार से ज्यादा चेक क्लीयर नहीं हुए। एसबीआई को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों की शाखाओं, दोनों प्रधान डाकघरों, एलआईसी के मंडल व जिला कार्यालयों पर कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने प्रदर्शन किया। हड़ताल के चलते ग्राहकों को परेशानी उठानी पड़ी और जुर्माना भी भरना पड़ा।
महमूरगंज स्थित बैंक ऑफ इंडिया, नदेसर स्थित इलाहाबाद बैंक, सिकरौल स्थित पीएनबी, चांदपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा, जेल रोड स्थित यूनियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर कर्मचारियों ने नारेबाजी की।
वाराणसी डिवीजन इम्प्लाइज एसोसिएशन की भेलूपुर स्थित एलआईसीमंडल कार्यालय पर सभा हुई जिसमें एलआईसी के विनिवेशीकरण का विरोध किया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायण चटर्जी ने कहा कि रिक्त पदों पर भर्ती की मांग एवं बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी एफडीआई आदि के विरोध में हड़ताल हुई है।
बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके सेठ, यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष आरबी चौबे, संजय शर्मा, अनन्त मिश्र ने कहा कि सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में देश के लाखों कामगारों को नुकसान हो रहा है। कर्मचारी हितों के खिलाफ नीतियां बनने से बैंकिंग सेक्टर पर प्रतिकूल असर पड़ा है। बैंक ऑफ बड़ौदा स्टॉफ एसोसिएशन के मंत्री पीके घोष, दुर्गेश कुमार, गौतम दास, अशोक यादव, संजय कुमार आदि ने प्रदर्शन में भाग लिया।
ऑल इंडिया पोस्टल इम्प्लाइज यूनियन ग्रुप सी के मंडलीय अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, मंडलीय सचिव सुभाष शाह ने कहा कि कमलेश चंद्रा समिति की सिफारिशें लागू करने, सीएसआई, सीबीएस, आरआईसीटी, आईपीओबी व पोस्टमैन वितरण प्रणाली के एप की विसंगतियां दूर करने सहित 25 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल की गई। प्रदर्शन में सुशील गुप्ता, अंजनी कुमार, अमरजेश कुमार, विवेक गुप्ता, संतोष यादव, राकेश गुजराती, विनोद श्रीवास्तव, कृष्णकांत उपाध्याय, शीतला प्रसाद दुबे, अरुण ओझा, जेके दास, प्रमोद द्विवेदी, बसंतलाल यादव, अनिल सिंह, अनिल चौरसिया, वीरू वर्मा, राकेश शर्मा, प्रतीक, सहतू कुमार, प्रभावती, अरविंद दूबे आदि मौजूद थे।
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में जुलूस और प्रदर्शन
ऑल इंडिया सेंट्रल ट्रेड यूनियन (एक्टू) के आह्वान पर विभिन्न मजदूर, श्रमिक व किसानों के संगठनों ने बुधवार को भारत बंद के समर्थन में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। इनमें संगठित व असंगठित क्षेत्र के मजदूर शामिल रहे। उत्तर प्रदेश खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) की ओर से चौकाघाट से श्रम कार्यालय तक जुलूस निकाला गया। ट्रेड यूनियनों ने खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया। साथ ही नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने व एनपीआर का भी विरोध किया।
खेग्रामस के राष्ट्रीय पार्षद अमरनाथ प्रसाद ने कहा कि नीतियों के कारण देश मे मंदी है और बेरोजगारी चरम पर है। इससे निपटने के लिए किसानों की आय दोगुनी करने, मजदूरों, श्रमिकों के हित में नीतियां बनाने की सख्त जरूरत है। सीपीआईएमएल की केंद्रीय कमेटी के सदस्य मनीष शर्मा ने कहा कि एनपीआर, सीएए व एनआरसी देश की एकता को तोड़ने का षड्यंत्र है और भारत के संविधान की मूल आत्मा के विरुद्ध है।
जुलूस में पिंकी, नागेंद्र, कमलेश यादव, प्रमोद, अशोक, सुदामा, शांति, त्रिभुवन, नरेंद्र पांडेय, सागर गुप्ता आदि मौजूद थे। बुधवार शाम चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन की ओर से मजदूरों के साथ बैठक हुई। औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत मजदूरों, श्रमिकों ने कार्य बहिष्कार किया, जिससे उत्पादन पर असर पड़ा। यूनियन के जिला कमेटी मंत्री देवाशीष ने कहा कि ठेका प्रथा बंद करने, श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने व निजीकरण के विरोध में हड़ताल हुई। बैठक में राजेश्वर सिंह, संदीप घटक, मनोज शर्मा, रजनीश पाठक, चंद्रबली सिंह, नागेंद्र तिवारी, मुन्नू लाल, सुरेश मिश्रा, बनारसी तिवारी आदि मौजूद थे।
राज्य कर्मचारी भी हड़ताल में हुए शामिल
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आवाहन पर बुधवार की देशव्यापी हड़ताल का राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े कर्मचारियों ने भी समर्थन किया। इन कर्मचारियों ने कैण्ट स्थित प्रधान डाकघर पर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली व सरकारी महकमों के निजीकरण या निगमीकरण के प्रयासों का विरोध किया। मकबूल आलम रोड स्थित इनकम टैक्स कार्यालय में भी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया।
कैंट डाकघर पर विरोध सभा को संबोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष शशिकान्त श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार श्रम कानूनों में सुधार के नाम पर मजदूर विरोधी कार्य कर रही है। निजीकरण से सरकारी नौकरियों के रास्ते बंद हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ सुधीर कुमार व बदनावर बेदी, विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिनेश सिंह, नगर निगम कर्मचारी संघ के मनोज सिंह, सीएफटीयूआई के अध्यक्ष माया पांडेय ने भी विचार व्यक्त किए। प्रदर्शनों में गौतम कुमार बरुआ, अशोक यादव, नरेन्द्र सिंह, ज्योति शंकर दूबे, दीपेन्द्र श्रीवास्तव, बलिराम, दिवाकर द्विवेदी, सुधीर सिंह, दिनेश सिंह, सुभाष सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रेमचन्द गुप्ता, अवधेश चतुर्वेदी आदि शामिल थे।
ग्राहकों को हुई परेशानी
बैंक, बीमा, डाकघरों में हड़ताल से ग्राहकों को परेशानी उठानी पड़ी। लोन खातों में ग्राहकों के बचत या करंट खातों से फंड ट्रांसफर नहीं हुआ। इससे ग्राहकों को ब्याज की मार झेलनी पड़ी। वहीं बैंक शाखाओं में पहुंचे कई ग्राहक तालाबंद देख लौट गये।