लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। विभिन्न जिलों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। सीएए के खिलाफ आज यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन की आशंकाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 21 जिलों में इंटरनेट पर रोक लगा दी है।
हिंसा करने वालों को नहीं बख्शेंगे: डीजीपी
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि राज्य के 21 जिलों में इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया गया है और हालात के मुताबिक ही बहाल किया जाएगा। सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और हमने रणनीतिक तौर पर पुलिस बलों की तैनाती की है। मामलों की जांच के लिए स्पेशल टीमें बनाई गई हैं। 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। स्थिति की मांग को देखते हुए दोबारा बहाल करेंगे। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसक घटनाओं पर उन्होंने कहा कि हम किसी बेकसूर को नहीं पकड़ रहे हैं और हिंसा में जो लोग भी शामिल थे, हम किसी को बख्शेंगे भी नहीं। यही वजह है कि हमने कई संगठनों से जुड़े एक्टिव मेंबर्स को गिरफ्तार किया है।
डीजीपी ओमप्रकाश सिंह की ओर से सभी जिलों के अध्यक्षों को भेजे गए निर्देशों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए लागू की गई जोन और सेक्टर की व्यवस्था को जारी रखने के लिए कहा गया है। जिलों में मस्जिदों के इमामों से संपर्क कर उनसे नमाज के बाद शांति बनाए रखने की अपील करने का आग्रह किया गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि फिलहाल सभी जगह स्थिथि ठीक है। पुलिस सभी जगह पर नजर बनाए हुए है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह प्रदेश में अलग अलग शहरों में जुमे की नमाज के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए इस बार विशेष सतर्कता बरती गई है। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह की ओर से शुक्रवार को होने वाली नमाज के लिए खास अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है। विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई जगहों से हिंसा की बात भी सामने आई। जगह-जगह पर सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट किया गया। वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार कार्रवाई का मन बना चुकी है।
सूचना और जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर उपद्रवियों की संख्या बताई गई है। अभी तक कुल 498 व्यक्तियों की पहचान कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई। सबसे ज्यादा मेरठ से 148 लोगों का नाम शामिल है। इसके अलावा लखनऊ से 82, संभल से 26, रामपुर से 79, फिरोजबाद से 13, कानपुर नगर से 50, मुजफ्फरनगर से 73, मऊ से आठ और बुलंदशहर से 19 लोगों की पहचान हुई है।
बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी के विरोध में हुए धरना-प्रदर्शन के दौरान हिंसा की बात सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उपद्रवियों के चिह्नित कर उनकी संपत्ति जब्त कर हिंसा में हुई क्षति की भारपाई की जाएगी।