लखनऊ: रविवार को अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद यानी संतों का सम्मेलन होने जा रहा है। शिवसेना के कार्यकर्ता भी अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर इकट्ठा हैं। लेकिन उससे पहले शनिवार को ही उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मंदिरों के इस शहर में बनाए जाने वाली राम की विशाल प्रतिमा के विवरण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में ही इस प्रस्ताव की घोषणा की थी। लेकिन यह पहला मौका है, जब राज्य सरकार ने विवरण साझा किए हैं। जिसमें प्रतिमा की 221 मीटर की ऊंचाई भी शामिल है। आपको बता दें कि यह गुजरात में बनी सरदार पटेल की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी ज्यादा ऊंचाई है। सरकार ने प्रतिमा के मॉडल की एक तस्वीरी भी रिलीज की है और साथ ही उसके आकार की भी जानकारी दी है हालांकि प्रतिमा का निर्माण जिस जगह पर होगा उस पर अंतिम निर्णय फिलहाल नहीं हुआ है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि इसके निर्माण पर कितना खर्च आएगा और इसके लिए पैसा कहां से आएगा।
यह प्रतिमा कांसे से बनाई जाएगी और इस मॉडल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुमोदित किया है।
अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन अवनीश अवस्थी ने बताया कि अयोध्या में लगने वाली विशालकाय मूर्ति की स्थापना के लिए कुल पांच वास्तुविद् फर्मों को छांटा गया। इन फर्मों ने अपना प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया। यूपी सरकार की योजना के अनुसार भगवान श्रीराम की कुल 221 मीटर ऊंची मूर्ति स्थापित होगी। इसमें 151 मीटर ऊंची भगवान श्रीराम की मूर्ति होगी। मूर्ति के ऊपर 20 मीटर ऊंचा छत्र होगा। इसके साथ ही प्रतिमा का बेस-पैडस्टल 50 मीटर ऊंचा होगा। इस तरह कुल मिलाकर 221 मीटर ऊंची प्रतिमा होगी।
खास बात यह है कि इस 50 मीटर ऊंचे पैडस्टल के अंदर ही भव्य व अत्याधुनिक म्यूजियम का प्रावधान होगा जिसमें सप्तपुरियों में अयोध्या का इतिहास, इक्ष्वाकु वंश के इतिहास में राजा मनु से लेकर वर्तमान श्रीराम जन्मभूमि तक का इतिहास, भगवान विष्णु के सभी अवतारों का ब्योरा होगा। देश के सभी सनातन धर्मों के विषय में आधुनिक तकनीक पर प्रदर्शन की व्यवस्था होगी। इस योजना के लिए उपयुक्त जमीन का चयन के लिए सॉयल टेस्टिंग एवं विंड टनेल टेस्टिंग आदि के काम कराए जा रहे हैं।
पर्यटन विभाग लगाएगा मूर्ति
मूर्ति लगाने का काम पर्यटन विभाग करेगा। यह मूर्ति गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे स्थापित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से भी ऊंची होगी। भगवान श्रीराम की प्रतिमा के सरयू नदी के किनारे स्थापित होने की पूरी संभावना है। सरदार पटेल की प्रतिमा देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मभूषण रामसुतार के मार्ग निर्देशन में तैयार हुई थी, इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि भगवान श्रीराम की मूर्ति भी रामसुतार के ही मार्ग निर्देशन में बनेगी। विशेष बात यह भी है कि रामसुतार आज के प्रजेंटेशन में खासतौर से मौजूद रहे। वे मायावती द्वारा अपने कार्यकाल में बनाए गए स्मारकों का काम भी देख चुके हैं।