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नई दिल्ली: अलीगढ़ में महिला से गैंगरेप के मामले को हल्का करने पर यूपी पुलिस से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है साथ ही सीबीआई को भी जांच के आदेश दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार महिला सुरक्षा मुहैया जारी रखेगी। यूपी पुलिस ने गैंगरेप की धारा आईपीसी 376 डी और जबरन घर में घुसने की धारा आईपीसी 452 को चार्जशीट में हटा दिया था और इसे मामूली मारपीट का बता दिया था। साल 2016 में तीन पड़ोसियों ने उसके घर में घुसकर गैंगरेप, मारपीट और पिस्तौल दिखाकर धमकी दी थी।

पुलिस से शिकायत की गई लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया इसके बाद मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बाद 15 दिन बाद केस में गैंगरेप व जबरन घुसने और जान से मारने की धमकी देने की एफआईआर एफआईआर दर्ज की गई। यूपी पुलिस ने इस केस में चार्जशीट दाखिल करते हुए मारपीट का मामला बताया जिस पर ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान ने लिया।

महिला की ओर से पेश वकील सु़शील तोमर और मीनेश दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच को बताया कि पुलिस ने जानबूझकर केस को कमजोर किया है और महिला को केस वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत के तौर पर पीडिता को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए थे।

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