लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पासपोर्ट दफ्तर पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाने वाली तन्वी का पासपोर्ट अंततोगत्वा रद्द कर दिया गया। इतना ही नहीं हिंदू पत्नी तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस के साथ ही उनके पति यानी शौहर मोहम्मद अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। इसके आलावा आवेदन के समय धार्मिक आधार पर विवाद खड़ा करने वाले दंपत्ति पर पांच हजार रुपया जुर्माना भी लगाया गया है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा के दिल्ली से लखनऊ आने पर इनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था और जानकारियां एकत्र की जाने लगी थी।
आपको बता दें कि पासपोर्ट विवाद के बाद वर्मा को दिल्ली तलब किया गया था। दोनों का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया. खबर में बताया गया है कि इनको पीयूष वर्मा एक नोटिस भी देंगे। लखनऊ पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि तन्वी ने पासपोर्ट बनवाने के लिए गलत जानकारी दी थी। उन्होंने लखनऊ में ही रहने का दावा किया था, पासपोर्ट ऑफिस को तन्वी ने बताया था कि वे अपने पति अनस सिद्दीक़ी के साथ नोएडा में नौकरी करती हैं। लेकिन उनका काम ऐसा है कि लखनऊ में घर से रह कर ही हो जाता है।
जब लखनऊ पुलिस ने तन्वी के मोबाइल नंबर की डिटेल निकाली तो पता चला कि तन्वी 14 जून से पहले नोएडा में रह रही थी।
लखनऊ में रहने का दावा झूठा
पासपोर्ट बनवाने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होता है. तन्वी सेठ के केस में लखनऊ के कैसरबाग पुलिस थाने ने रिपोर्ट बनाई है। इसमें लखनऊ में रहने का उनका दावा झूठा निकला है। पड़ोसियों ने बताया कि वे अपने पति के साथ नोएडा में ही रहती हैं। उनकी बेटी भी उनके साथ ही पढ़ती है। जब पुलिस ने तन्वी सेठ के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि तन्वी 14 जून से पहले नोएडा में रह रहीं थीं। पासपोर्ट बनवाने के लिए वे यहां लखनऊ आईं थी। 19 जून को उन्होंने आवेदन किया था।
लगातार नोएडा में रहीं हैं तन्वी सेठ
तन्वी सेठ के दावे के मुताबिक 20 तारीख को पासपोर्ट ऑफिस में सीनियर सुपरिटेंडेंट विकास मिश्र से उनकी कहासुनी हुई। मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद अगले ही दिन उन्हें हाथों हाथ पासपोर्ट मिल गया। तन्वी सेठ के कॉल डिटेल से पता चला कि वे लगातार नोएडा में रहीं हैं। उन्होंने जब भी फोन किया, मोबाइल टावर नोएडा और दिल्ली के ही मिले। 14 जून से मोबाइल टावर के लोकेशन लखनऊ के बताए जाते हैं। पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के बाद पासपोर्ट विभाग पशोपेश में है। अब तन्वी का पासपोर्ट जब्त करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। रीजनल पासपोर्ट ऑफिस चाहे तो तन्वी पर कार्रवाई भी हो सकता है। उनके खिलाफ झूठी जानकारी देने का मुकदमा हो सकता है।
क्या है नियम?
नियम तो ये कहता है कि जिस पते पर आप छह महीने से रहते हैं, उसी पते पर आपका पासपोर्ट बनेगा। सेना, केन्द्रीय पुलिस बल और स्टूडेंट्स को इस नियम में छूट है। इस हिसाब से नोएडा में रहने वाली तन्वी सेठ को गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस में आवेदन करना चाहिए था। उनके नाम को लेकर भी पेंच है। अनस से शादी करने से पहले उन्होंने धर्म बदल लिया था। निकाहनामा में उनका नाम सादिया अनस है। लेकिन पासपोर्ट फॉर्म में उन्होंने ये जानकारी दी है कि उन्होंने कभी भी अपना नाम नहीं बदला। इसी बात पर पासपोर्ट ऑफिस के कर्मचारी विकास मिश्र से उनकी बहस हुई थी। जिस पर तन्वी ने आरोप लगाया था कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए कहा गया था। उन्हें हिंदू बनने के लिए कहा गया था। जानकारों का कहना है कि निकाहनामा के बावजूद तन्वी का इसी नाम से पासपोर्ट बन सकता है। लेकिन उन्हें नाम बदलने की जानकारी नहीं छिपाना चाहिए थी।
बिना पुलिस वेरिफिकेशन के पासपोर्ट देने पर बढ़ा विवाद
21 जून को सवेरे 11 बजे तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी को हाथोंहाथ पासपोर्ट दे दिया गया था। तन्वी का पासपोर्ट नया बना था जबकि अनस का पासपोर्ट रीन्यू हुआ था. बिना पुलिस वेरिफिकेशन के पासपोर्ट देने पर विवाद बढ़ गया। तब रीजनल पासपोर्ट अफसर पीयूष वर्मा ने कहा था, “हमारा ये अधिकार है हम किसी को पासपोर्ट दे सकते हैं। पुलिस वेरिफ़िकेशन बाद में भी हो जाता है". वैसे ये नियम तत्काल कैटेगरी में है। लेकिन तन्वी ने जनरल कोटे से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। आज दिल्ली में रीजनल पासपोर्ट अफसरों की सालाना मीटिंग है। इसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहेंगी। तन्वी के पासपोर्ट को लेकर उन्हें सोशल मीडिया में लगातार ट्रोल किया जा रहा है।