रामपुर: शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में आरोपित बनाए गए आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला की जमानत अर्जी मंगलवार को मंजूर हो गई। इसी के साथ अब्दुल्ला के सभी मामलों में जमानत हो गई है। अब जल्द ही वह हरदोई जेल से बाहर आ सकेंगे।
यह मुकदमा रिकॉर्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को दर्ज कराई गई थी। लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप है।
शत्रु संपत्ति आजम खां की यूनिवर्सिटी के आसपास थी
यह शत्रु संपत्ति आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी के आसपास थी, जो इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। इमामुद्दीन कुरैशी विभाजन के समय देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। साल 2006 में यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई थी।
भूमि के रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला था कि राजस्व विभाग के रिकार्ड में फर्जीवाड़ा कर शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया था।
रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे। इसमें आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला का नाम भी प्रकाश में आया था। हालांकि उन्हें बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी। मामला शासन तक पहुंचा, जिस पर शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ला के खिलाफ जांच बैठा दी थी। साथ ही दोबारा विवेचना कराई गई। विवेचना शहर कोतवाली प्रभारी नवाब सिंह ने की थी।
कोर्ट पिता-पुत्र को आरोपी बना चुकी है
उनकी विवेचना के बाद न्यायालय में पिता-पुत्र को भी आरोपित बनाया जा चुका है। पिता-पुत्र की ओर से उनके अधिवक्ता ने इस मामले में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। हालांकि बाद में आजम खां ने जमानत अर्जी वापस ले ली। मंगलवार को न्यायालय ने अब्दुल्ला की जमानत अर्जी पर फैसला सुनाया।
कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली
अब्दुल्ला के अधिवक्ता जुबैर अहमद ने बताया कि न्यायालय ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला के खिलाफ करीब 45 मुकदमे हैं। इनमें सभी में जमानत हो चुकी थी। शत्रु संपत्ति के मामले में भी उन्हें आरोपित बना दिया गया था। अब इसमें भी जमानत हो गई है।
इस मामले में विवेचना अधिकारी ने मुकदमे में धाराएं बढ़ाने के लिए भी न्यायालय में प्रार्थना पत्र दे दिया था। न्यायालय ने उनका प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। गौरतलब है कि आजम खां और अब्दुल्ला को दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल के कारावास की सजा हुई थी। आजम खां सीतापुर जेल में बंद हैं, जबकि अब्दुल्ला हरदोई की जेल में बंद हैं।