ताज़ा खबरें
दिल्ली-एनसीआर में सांसों का संकट, कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार
झारखंड में अवैध हड़पी गई ज़मीन आदिवासी बेटियों के ​नाम करेंगे: मोदी
मनोज जरांगे पाटील का एलान- महाराष्ट्र चुनाव नहीं उतारेंगे एक भी प्रत्याशी
उत्तराखंड: अल्मोड़ा में बस खाई में गिरी, 15 यात्रियों की मौत, कई घायल
सुरक्षा एजेंसियों से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- 'आपको खुली छूट है'

बंगलूरू: एचडी कुमारस्वामी ने बतौर मुख्यमंत्री जाते-जाते भूमिहीन मजदूरों से किया वादा निभाते हुए अपने आखिरी आदेश पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने राज्य के उन मजदूरों का कर्ज माफ कर दिया जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जोत वाली भूमि या जिनकी आय एक लाख रुपये से कम है। हालांकि कितना कर्ज माफ करना है इसे लेकर कोई सीमा तय नहीं की गई है। कुमास्वामी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने मंगलवार को अपने आखिरी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसके कुछ ही घंटों बाद विश्वास मत पर चार दिनों तक चली बहस के बाद जब वोटिंग हुई तो उनकी सरकार छह वोटों से गिर गई।

कुमारस्वामी से राज्यपाल ने नई सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य करने और उन्हें भूमिहीन-मजदूरों की कर्जमाफी जैसे कोई भी बड़े नीतिगत फैसले लेने से रोक दिया गया है। सत्ता चले जाने के एक दिन बाद बंगलूरू में मीडिया से बात करते हुए कुमारस्वामी ने संतोष व्यक्त किया कि वह अपने कार्यकाल के दौरान कुछ अहम निर्णय ले पाए। जिसमें भूमिहीन मजदूरों के लिए ऋण माफी, जिसे निजी धन उधारदाताओं से भी लिया गया हो शामिल है।

कुमारस्वामी ने कहा कि इससे मजदूरों को राहत मिलेगी। यह आदेश के जारी होने की तारीख से एक साल तक प्रभावी रहेगा। कुमारस्वामी ने कहा, 'मुझे संतोष है कि मैं इसे लेकर आया। यह उन लोगों पर लागू होगा जिन्होंने इस अधिनियम के आने से पहले ऋण लिया था। यह लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने का मौका है। यह अधिनियम एक वर्ष तक रहेगा है और उस समय के अंदर ऋण का विवरण प्रस्तुत करना होगा।'

उन्होंने नौकरशाहों का धन्यवाद किया जिन्होंने उनके 14 महीने के कार्यकाल में कुछ महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में उनकी मदद की। जबकि सरकार को अस्थिर करने की लगातार कोशिशें हो रही थी। उन्होंने कहा कि इस कर्जमाफी में भूमिहीन मजदूरों के ऋण की कोई सीमा तय नहीं की गई है जिसे कि माफ किया जाना है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख