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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिकाकर्ताओं ने कहा कि धार्मिक पुस्तक के अनुसार हिजाब पहनना फर्ज यानी कर्तव्य है और अदालतें इसकी अनिवार्यता निर्धारित करने में सक्षम नहीं हैं। कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब पहनने पर रोक के मामले में शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है। राज्य सरकार के रोक के फैसले को कर्नाटक हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

राजीव धवन ने दी दलीलें

जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बिजो इमैनुअल मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एक बार जब यह दर्शाया गया कि हिजाब पहनना एक वास्तविक प्रथा है तो इसकी अनुमति थी। धवन ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट का यह निष्कर्ष निकालना हैरान करने वाला है कि चूंकि हिजाब नहीं पहनने पर किसी तरह के दंड का प्रविधान नहीं है, इसलिए यह अनिवार्य नहीं है।

बेंगलुरु: बेंगलुरू नगर निकाय ने शहर के कुछ हिस्सों में कुछ दिन पहले बारिश से आई भीषण बाढ़ के बाद सोमवार को एक तोड़फोड़ अभियान शुरू किया। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि अतिक्रण रोधी अभियान व्यापक पैमाने पर चलाया जाएगा।

बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की एक टीम ने आठ स्थानों पर यह अभियान चलाया जो कथित तौर पर महादेवपुरा क्षेत्र के बेलंदूर और उसके आसपास बाढ़ का कारण बन रहे थे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीबीएमपी ने महादेवपुरा क्षेत्र में कम से कम 10 स्थानों की पहचान की, जो वर्षा जल के प्रवाह को रोक रहे थे। सूत्रों के अनुसार इसमें एक प्रमुख निजी स्कूल का एक भवन, खेल का मैदान और उद्यान शामिल था जहां जल निकासी नाले का अतिक्रमण किया गया था। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के सामने अगली चुनौती स्कूल के ठीक बगल में स्थित एक अपार्टमेंट को गिराने की है।

बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अपार्टमेंट के निवासियों को इसे खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं।

बेंगलुरु: बेंगलुरु में ट्रैफिक में फंसे एक डॉक्टर ने मरीज की जान बचाने के लिए कार को सड़क पर छोड़ दिया और तीन किलो मीटर तक दौड़ लगाकर अस्पताल पहुंचा। यहां पर डॉक्टर ने मरीज की सफल सर्जरी की. घटना 30 अगस्त की है। डॉ. गोविंद नंदकुमार, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन हैं। वह एक आपातकालीन लेप्रोस्कोपिक पित्ताशय की थैली की सर्जरी करने के लिए मणिपाल अस्पताल के लिए सरजापुर जा रहे थे। जब वह अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव पर थे, तभी उनकी कार ट्रैफिक में फंस गई।

उन्होंने महसूस किया कि उन्हें बहुत देर हो रही है। ऐसे में डॉक्टर को समय पर नहीं पहुंच पाने को लेकर घबराहट हुई। उन्होंने गूगल मैप्स को चेक किया, जिसमें पता चला कि उन्हें अपने गनतव्य तक पहुंचने में और 45 मिनट लगेंगे। इसके बाद डॉक्टर ने कार से उतरकर सरजापुर-मराठाहल्ली खंड से अस्पताल तक दौड़कर सफर को पूरा किया। उस दिन, उन्होंने ड्राइवर को निर्देश दिया था कि वह सुबह 10 बजे निर्धारित सर्जरी के लिए समय पर अस्पताल पहुंचाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

नई दिल्ली: कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हाई कोर्ट की ओर से हिजाब पहनने पर रोक के फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत में जजों और वकीलों के दिलचस्प बहस देखने को मिली। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने केस की सुनवाई के दौरान एक वकील से कहा कि इस मामले में आप अतार्किक नहीं हो सकते। क्या राइट टू ड्रेस के साथ राइट टू अनड्रेस भी शामिल है? इस पर वकील देव दत्त कामत ने कहा, कोई भी स्कूल में अनड्रेस नहीं हो रहा। इस पर जस्टिस गुप्ता ने कहा, 'समस्या यह है कि एक समुदाय के लोग हिजाब पहनने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरे समुदाय के लोग ड्रेस कोड का पालन कर रहे हैं। दूसरे समुदायों के छात्र यह नहीं कह रहे हैं कि हम यह पहनना चाहते हैं और यह नहीं।'

याचिकाकर्ता की ओर से पेश देवदत्त कामत ने कहा, ये पहले से तय है कि अगर संवैधानिक मुद्दों का मामला हो तो इसे पांच जजों के संविधान पीठ को सुनना चाहिए। ये सिर्फ किसी कानून या नियम के उल्लंघन का मामला नहीं है, ये एक बेसिक सवाल को लेकर है कि क्या राज्य छात्रों के संवैधानिक अधिकार को देने में नाकाम रहा है।

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