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बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सिद्धारमैया ने मांस खाकर मंदिर जाने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्‍होंने साफ किया कि वह मांस खाकर मंदिर में नहीं गए थे। हालांकि, वह मांसाहारी हैं, लेकिन उस दिन उन्‍होंने सिर्फ शाकाहारी भोजन किया था। साथ ही उन्‍होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे जनता को असल मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं।

दरअसल, सिद्धारमैया हाल ही में कोडागु जिले की अपनी यात्रा के दौरान एक मंदिर में गए थे। भाजपा नेताओं का कहना था कि सिद्धारमैया मांसाहारी भोजन कर मंदिर में गए, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। हालांकि, सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा नेताओं को कोई दूसरा काम नहीं है, इसलिए बेकार के मुद्दों को उठाया जा रहा है। भाजपा के नेता देश की बड़ी समस्‍याओं से लोगों को ध्‍यान भटकाने के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं।

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा, 'मेरे लिए मंदिर में मांस खाकर जाना कोई मुद्दा नहीं है। कई लोग मंदिर में बिना मांस खाए जाते हैं, तो कुछ लोग मांसाहारी भोजन करने के बाद भी मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं।

बेंगलुरु: कर्नाटक में विपक्ष के नेता कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद ने आरोप लगाया है कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने मुख्यमंत्री पद के लिए ₹ 2,500 करोड़ की कीमत का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए इच्छुक व्यक्ति के लिए ये बहुत बड़ी रकम है। बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलें एक महीने से अधिक समय से लगाई जा रही हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी नेता ने यह आरोप लगाया है कि सीएम पद बिकाऊ है।

इधर भाजपा के आलाकमान की ओर से कर्नाटक के लिए संभावित सरप्राइज की अटकलें बढ़ती जा रही हैं। हालांकि पार्टी के कई नेताओं ने ये कहा है कि आठ महीने में होने वाले चुनावों से पहले बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बदला जाएगा। वहीं राज्य इकाई के नेताओं का कहना है कि पार्टी सामुदायिक संतुलन के लिए ये फैसला ले सकती है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा जो बोम्मई की तरह लिंगायत समुदाय से आते हैं, पार्टी ने उन्हें संसदीय समिति में शामिल किया है। इसीलिए उन्हें वोक्कालिगा समुदाय से बदला जा सकता है।

बेंगलुरुः कर्नाटक के शिवमोगा में बवाल होने की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि मामला स्वतंत्रता दिवस पर अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर का पोस्टर लगाए जाने से जुड़ा है। यहां कुछ लोगों ने पोस्टर का विरोध किया। सावरकर के पोस्टर हटाने के प्रयासों के विरोध के बाद कर्नाटक पुलिस ने शिवमोगा जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। मेंगलुरु के सुरतकल चौराहे का नाम सावरकर के नाम पर रखने वाले एक बैनर को भी हटा दिया गया है।

शिवमोगा पुलिस ने बताया कि टीपू सुल्तान के अनुयायियों के एक समूह ने शहर के अमीर अहमद सर्कल में टीपू सुल्तान के बैनर लगाने के लिए वीडी सावरकर के बैनर हटाने की कोशिश के बाद सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस को हल्का हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हडसन सर्किल में शनिवार रात को विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाए गए थे। इसमें टीपू सुल्तान का पोस्टर भी शामिल था।

बेंगलुरु: कर्नाटक में फैमिली कोर्ट में ही एक युवक ने बड़ी बेरहमी से अपनी पत्नी का गला काट दिया। इन्होंने कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की हुई थी और ये एक काउंसलिंग सेशन के लिए कोर्ट गए थे। पत्नी का गला काटने के बाद युवक ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन वहां खड़े लोगों ने उसे दबोच लिया और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। जख्मी महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कुछ मिनट पहले, काउंसलिंग सेशन में इन्होंने अपने-अपने मतभेदों को भूलाकर सात साल की शादी बचाने के लिए एक बार फिर साथ आने के लिए सहमति जाहिर की थी।

शिवकुमार नाम का युवक अपनी पत्नी चैत्रा के साथ काउंसलिंग के लिए हसन जिले के होलेनरसीपुरा फैमिली कोर्ट पहुंचा था। उसने अपनी पत्नी पर उस वक्त हमला कर दिया, जब वह एक घंटे की काउंसलिंग के बाद कोर्ट से बाहर निकल रही थी। उसने अपनी पत्नी का वाशरूम तक पीछा किया और कुल्हाड़ी से उसका गला काट दिया। जिससे चैत्रा का काफी खून बह गया।

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