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हुबली: कर्नाटक में गुरुवार को रोड शो कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। हुबली में रोड शो के दौरान पीएम के करीब एक शख्स पहुंचा, जिसे बड़ी चौकसी के साथ एसपीजी ने हटा दिया। घटना का वीडियो सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि रोड शो के दौरान एक शख्स भीड़ से निकलता है और हाथ में फूलों की माला लिए तेजी से पीएम मोदी की ओर बढ़ता है।

हालांकि, पीएम तक पहुंचने में वो सफल नहीं हो पाता है। पीएम मोदी की सुरक्षा में तैनात एसपीजी उसे रोक देते हैं। तब अन्य पुलिस जवान उसे खींच कर साइड कर देते हैं। हालांकि, इस बीच पीएम मोदी उससे फूल की माला ले लेने का निर्देश देते हैं। ऐसे में गार्ड शख्स से फूल माला लेकर पीएम मोदी को सौंप देते हैं।

बता दें कि 29वें राष्ट्रीय यूथ फेस्टिवल का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के हुबली में हैं। यहां वे एक रोड शो कर रहे हैं। यूथ फेस्टिवल के उद्घाटन में लगभग 30,000 युवाओं के शामिल होने की उम्मीद है। पीएम मोदी के कार्यक्रम में आए युवाओं को संबोधित करेंगे।

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की विधानसभा में लाए गए एक प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि वो हमें भड़का रहे हैं और हमें बांटने की धमकी दे रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। राज्य पुनर्गठन अधिनियम (1956 में) पारित हुए कई दशक बीत चुके हैं। दोनों राज्यों में लोग सद्भाव से रहते हैं। महाराष्ट्र इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है और इस तरह का प्रस्ताव पारित करना सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी है। हम अपने फैसलों पर कायम हैं। कर्नाटक का एक इंच भी महाराष्ट्र में नहीं जाएगा।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो उन्होंने ऐसा प्रस्ताव क्यों पारित किया? हमारा प्रस्ताव उनसे अलग है। हमारा संकल्प कहता है कि हम अपनी कर्नाटक (भूमि) नहीं जाने देंगे, जबकि वे कहते हैं कि इसे हमसे छीनना चाहते हैं।" जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो संकल्प का कोई मतलब नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट में विश्वास करते हैं। बताते चलें कि इससे पहले महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था।

बेंगलुरु: कोरोना वायरस एक बार फिर से लोगों को डराने लगा है। चीन में बिगड़े हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को सतर्क रहने का निर्देश दे दिया गया है। कर्नाटक सरकार ने कोरोना संकट के बीच नए साल के जश्न को लेकर गाइडलाइन जारी की है। कर्नाटक सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत रात 1 बजे तक ही न्यू ईयर को सेलिब्रेट कर सकते हैं। इसके अलावा अब राज्य में कई जगहों पर मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, "घबराने की जरूरत नहीं, बस सावधानी बरतनी होगी।"

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड गाइडलाइन की जानकारी देते हुए कहा, "मूवी थिएटर, स्कूल और कॉलेजों के अंदर मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। पब, रेस्टोरेंट और बार में नए साल का जश्न मनाने के लिए मास्क अनिवार्य होगा। नए साल का जश्न रात 1 बजे से पहले खत्म हो जाएगा." उन्होंने लोगों से घबराने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है।

बेंगलुरू: कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा राज्य विधानसभा के भीतर वीर सावरकर का पोर्ट्रेट लगाए जाने के बाद विपक्षी दलों ने विधानसभा भवन की सीढ़ियों पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, जो इस वक्त नेता प्रतिपक्ष है, ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कर्नाटक विधानसभा में विवादास्पद व्यक्तित्व का पोर्ट्रेट लगाने की ज़रूरत पर सवाल खड़ा किया।

इस मुद्दे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "मुझे विधानसभा में तस्वीर लगाए जाने के बारे में जानकारी नहीं है... मैं अभी पहुंचा हूं और विधानसभा के भीतर क्या होता है, इसकी ज़िम्मेदारी स्पीकर की होती है... मैं इस मुद्दे को लेकर स्पीकर तथा नेता प्रतिपक्ष से बात करूंगा।"

कर्नाटक में विनायक सावरकर को लेकर हो रहे विवादों में यह ताज़ातरीन है, जबकि अगले ही साल राज्य में फिर विधानसभा चुनाव होने तय हैं। दरअसल, सूबे की भाजपा सरकार वीर सावरकर के बारे में राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चला रही है।

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