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बेंगलुरू: कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के केस में हत्यारे की पहचान हो गई है। 5 सितंबर को हुए हाईप्रोफाइल मर्डर केस की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने सीसीटीवी फुटेज और चश्मीदीद के बयान के आधार पर हत्यारे का चेहरा तैयार कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि जांच टीम की तरफ से की गई पहचान के मुताबिक हत्यारा 34 से 38 उम्र का व्यक्ति है।

वारादत के चश्मदीद के मुताबिक आरोपी मोटरसाइकल पर था और उसने पूरी बांह की फॉर्मल शर्ट पहनी थी। उसकी कलाई पर एक पहचान पत्र और एक बैंड बंधा हुआ था। हेलमेट पहने होने के कारण आरोपी का चेहरा नही दिखा।  गौरी लंकेश की हत्या 0.32 बोर के विदेशी पिस्तौल से की गई है। जिस पिस्तौल से गौरी लंकेश की हत्या की गई वे अमेरिका निर्मित है, उससे एक मिनट में 64 गोलियां चलाई जा सकती हैं। 

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गौरी की हत्या को अंजाम देने में अपराधियों को सिर्फ 14 सेंकेड लगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी गौरी हत्याकांड के तार तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पंसारे (दोनों महाराष्ट्र) और प्रो.एम. एम. कलबुर्गी (धारवाड़) की हत्या से जुडऩे के बारे में कहना मुश्किल है।

गौरी लंकेश की हत्या करने से पहले अपराधियों ने करीब दो महीने से रैकी की थी। इससे पहले भी अपराधियों ने कई बार घर के पास ही गौरी को निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला था।

गौरी लंकेश कन्नड़ टैबलॉयड 'गौरी लंकेश पत्रिका' का संपादन करती थीं। इसके अलावा कुछ दूसरे प्रकाशन की भी मालकिन थीं।

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