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अहमदाबाद: गुजरात कांग्रेस के नेता और पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल का 18 जनवरी से कोई अता पता नहीं है। उन्हें 18 जनवरी को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। पटेल की पत्नी किन्जल ने सोमवार को यह दावा किया। पटेल को सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने के बाद अदालत की ओर से जारी गैर जमानती वारंट पर 18 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। पटेल 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से संबंधित राजद्रोह के मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्हें चार दिन बाद जमानत दे दी गई थी लेकिन पाटन और गांधीनगर जिलों में दर्ज दो मामलों के संबंध में उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया था। पटेल को 24 जनवरी को इन दोनों मामलों में जमानत मिल गई थी। निचली अदालत ने एक बार फिर सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं होने पर सात फरवरी को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।

दरअसल अदालत ने पटेल के वकील की यह दलील स्वीकार नहीं की कि हार्दिक इसलिए पेश नहीं हो सके कि एक अन्य मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी एक अन्य अदालत में लंबित है और यदि वह यहां पेश होंगे तो वह गिरफ्तार हो जाएंगे।

अहमदाबाद: गुजरात में यहां स्थित राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) ने सात फरवरी को निर्धारित अपना सालाना दीक्षांत समारोह अप्रत्याशित परिस्थितियों के चलते टाल दिया है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुखर आलोचक और प्रख्यात नृत्यांगना मल्लिका साराभाई को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भी साराभाई ने भाजपा सरकार की आलोचना की है। एनआईडी के एक अधिकारी ने बताया कि दीक्षांत समारोह की नई तारीख के बारे में शीघ्र ही फैसला किया जाएगा।

कार्यक्रम के लिए साराभाई को दिए गए आमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर एक अधिकारी ने मंगलवार (4 फरवरी) को कहा, ''विभिन्न लोगों के सुझाव पर कुछ लोगों को संभावित मुख्य अतिथि चुना गया था और अंतिम निर्णय दी गई तारीखों पर उनकी उपलब्धता के आधार पर लिया गया था।" इससे पहले एनआईडी ने स्नातक की उपाधि हासिल कर रहे छात्रों को एक पत्र में कहा, ''एनआईडी, अहमदाबाद की संचालन परिषद की ओर से हमें आपको यह सूचित करते हुए खेद है कि शुक्रवार (सात फरवरी) 2020 को निर्धारित दीक्षांत समारोह अप्रत्याशित परिस्थितियों के चलते टाल दिया गया है।"

अहमदाबाद: गुजरात में पाटीदार आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले व वर्तमान में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद अहमदाबाद में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और फिर 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि 2015 के देशद्रोह के मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। हार्दिक पटेल को अहमदाबाद जिले के विरमगम के पास से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी राजदीप सिंह जाला (साइबर क्राइम) ने भी उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद हार्दिक पटेल को गिरफ्तार किया गया।

हार्दिक पटेल को पहले भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। 25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद में पटेल समुदाय की रैली में हुई हिंसा के बाद स्थानीय क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। लंबे समय तक जेल में रहने के बाद जुलाई 2016 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था। नवंबर, 2018 में हार्दिक पटेल और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं।

नई दिल्ली: मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन की परियोजना के निर्माण व उसके कार्यान्वयन के लिए हुए भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षण करने का निर्णय लिया है। करीब 98,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना को 2022 अगस्त तक पूरा करने की योजना है। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की पीठ ने जीगराभाई अमृतभाई पटेल समेत अन्य द्वारा दाखिल इस याचिका पर केंद्र, गुजरात सरकार और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

इससे पहले पिछले वर्ष 19 नवंबर को गुजरात हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। अब याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, संजय पारिख आदि पेश हुए। वहीं सॉलिसिटर जनरल ने हाईकोर्ट के फैसले को सही बताते हुए याचिका को खारिज करने की गुहार की।

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