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अहमदाबाद: गुजरात में पाटीदार आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले व वर्तमान में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद अहमदाबाद में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और फिर 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि 2015 के देशद्रोह के मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। हार्दिक पटेल को अहमदाबाद जिले के विरमगम के पास से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी राजदीप सिंह जाला (साइबर क्राइम) ने भी उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद हार्दिक पटेल को गिरफ्तार किया गया।

हार्दिक पटेल को पहले भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। 25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद में पटेल समुदाय की रैली में हुई हिंसा के बाद स्थानीय क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। लंबे समय तक जेल में रहने के बाद जुलाई 2016 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था। नवंबर, 2018 में हार्दिक पटेल और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं।

शनिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायधीश बीजी गनात्रा ने सरकार की याचिका को स्वीकार करने के बाद हार्दिक पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।

सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी मामले को लटकाए रखना चाहते हैं और इसी वजह से वे बार-बार पेशी से छूट मांग रहे हैं। अदालत ने यह भी पाया कि वह जमानत की शर्तों का भी उल्लंघन कर रहे हैं और वह सुनवाई के दौरान नियमित तौर पर पेश नहीं हो रहे हैं। हार्दिक पटेल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

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