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पटना: देवघर से टेक-ऑफ के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से जबरन मंजूरी लेने के मामले में एक नया मोड आ गया है। दरअसल, सांसद सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर के डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि, ''यह देश क़ानून से चलता है देवघर के डीसी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने धारा124बी,353,120बी,441,448,201,506 व ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की धारा 2/2 के तहत एफआईआर दर्ज की है।'' एक अन्य ट्वीट में दुबे ने कहा है कि, ''एसपी देवघर पुलिस मैंने डीसी देवघर के खिलाफ देशद्रोह, आपराधिक जान से मारने का कृत्य, चेयरमैन देवघर एयरपोर्ट के नाते मेरे काम में बाधा, एयरपोर्ट डायरेक्टर की अनुमति के बिना सिक्योरिटी एरिया में जाना, एटीसी बिल्डिंग में बिना अनुमति प्रवेश पर एफआईआर करने का पत्र भेजा है।''

हालांकि, टेकऑफ मामले को लेकर कुंडा थाने में दोनों सांसदों निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और एयरपोर्ट के डायरेक्टर सहित नौ लोगों पर आईपीसी की धारा 336, 447 और 448 के तहत केस दर्ज किया गया है। देवघर के डिप्टी कमिश्नर ने झारखंड के प्रधान सचिव को दो सितंबर को लिखे पत्र में पूरे मामले से अवगत कराया है।

पटना: झारखंड पुलिस ने भाजपा के सांसद सांसद मनोज तिवारी, सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो बेटों और देवघर हवाई अड्डे के डायरेक्टर सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ कथित तौर पर देवघर से टेक-ऑफ के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से जबरन मंजूरी लेने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह घटना 31 अगस्त को हुई। देवघर हवाईअड्डे पर रात में उड़ानों के टेक-ऑफ या लैंडिंग की सुविधा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सांसदों ने दबाव डाला। देवघर हवाई अड्डे के सुरक्षा प्रभारी डीएसपी सुमन आनन ने इसकी शिकायत की है।

सुरक्षा प्रभारी ने दर्ज कराई गई शिकायत में कहा है कि 31 अगस्त को शाम 05: 25 बजे सांसद और अन्य यात्री देवघर एयरपोर्ट पहुंचे। वे सब प्लेन के अंदर चले गए और प्लेन का गेट बंद कर दिया गया। कुछ देर बाद प्लेन का गेट खोलकर पायलट नीचे उतरा और एटीसी की तरफ जाने लगा। एटीसी कंट्रोल रूम में पायलट ने टेक ऑफ की इजाजत देने के लिए दबाव डाला। कुछ देर बाद दोनों सांसद और अन्य यात्री भी एटीसी कंट्रोल रूम में पहुंच गए। उन्होंने दबाव डाला और एटीसी का क्लियरेंस मिल गया।

रांची: झारखंड सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान दी है। इनमें सबसे अहम रहा राज्य कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने को लेकर एसओपी को स्वीकृत किया जाना। तीन सदस्यीय समिति के सुझाव पर तैयार एसओपी को कैबिनेट की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। राज्य सरकार ने एक सितंबर की तिथि से इसे लागू करने का निर्णय लिया है।

इसके अलावा राज्य कर्मियों के हित में एक और अहम निर्णय हुआ है और वह यह कि पंचायत सचिव की नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया जाएगा। तैयारियों के अनुसार संशोधन के साथ ही दलपति प्रोन्नत होकर पंचायत सचिव बन सकते हैं। इस फैसले से तत्काल चार हजार से अधिक कर्मियों को लाभ मिलने का अनुमान है।

गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत फिंगर प्रिंट लेने से संबंधित अंगुलाेक सेवा नियमावली को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा ऊर्जा विभाग के कई प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है।

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी समाप्त होने को लेकर बीते एक सप्ताह से झारखंड में मची ऊहापोह की स्थिति को देखते हुए सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय किया है। गुरुवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय हुआ। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि विशेष बैठक मानसून सत्र का ही विस्तार होगा। उल्लेखनीय है कि विधानसभा का विशेष सत्र निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया था। आलम के मुताबिक इस दौरान वर्तमान राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पर चर्चा होगी और सरकार सदन का विश्वास हासिल करेगी।

चुनाव आयोग के पत्र को लेकर राजभवन की चुप्पी से निपटने के लिए विश्वास मत हासिल करने की रणनीति बनाई गई है। सत्र से पूर्व छत्तीसगढ़ के रायपुर में जमे झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के सारे विधायक रांची वापस लौट आएंगे। फिलहाल रायपुर के पांच सितारा मेफेयर रिसार्ट में कुल 33 विधायक कैंप कर रहे हैं। सत्तापक्ष का तर्क है कि विधायकों को एकजुट रखने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है।

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