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हैदराबाद: मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में फैसला सुनाए जाने के कुछ घंटे बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व न्यायाधीश के. रविन्दर रेड्डी ने भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई है। उन्होंने भाजपा को 'देशभक्त पार्टी' करार दिया और कहा कि यह ऐसी पार्टी है जिसमें 'परिवार का शासन नहीं है।' न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के तेलंगाना राज्य मुख्यालय में पार्टी में उनके स्वागत के बैनर लगाए गए हैं। वह गुरुवार को पार्टी में शामिल होने वाले थे लेकिन शामिल नहीं हुए।

विशेष आतंकवाद निरोधक अदालत के तत्कालीन न्यायाधीश रेड्डी ने इस वर्ष 16 अप्रैल को हिंदुत्व प्रचारक असीमानंद और चार अन्य को मामले में बरी कर दिया था। बहरहाल रेड्डी ने मीडिया से कहा कि भाजपा में शामिल होने के उनके कार्यक्रम को फिलहाल रोका गया है और कोई कारण नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिकंदराबाद के सांसद बंडारू दत्तात्रेय ने मेरा सम्मान किया और पार्टी में शामिल होने के लिए मुझे आमंत्रित किया।

हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं करेगी। कांग्रेस यहां तेदेपा, भाकपा और तेलंगाना जन समिति के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता ने बुधवार को यह जानकारी दी। तेलंगाना में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रभारी आर सी खूंटिया ने बताया कि कांग्रेस में किसी भी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं करने की अपनी पुरानी परिपाटी रही है।

खूंटिया ने यहां पत्रकारों को बताया, 'तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व करेंगे लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर चुनाव के बाद अंतिम फैसला किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि इस पर चुनाव का परिणाम आने के बाद विधायकों की राय जानने और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मिलकर चर्चा करने के बाद ही अंतिम निर्णय किया जाएगा।'

नई दिल्ली: हैदराबाद से एक तीन तलाक का मामला सामने आया है। 29 वर्षीय हुमा को उनके 62 वर्षीय पति ने कथित तौर पर व्हाट्सऐप पर तलाक दे दिया। हुमा का पति ओमान का एक नागरिक है। हुमा ने मीडिया को बताया, 'मेरी शादी साल 2017 मई में ओमान के एक नागरिक से हुई थी। मैं एक साल तक ओमान में रही। मैंने 8 महीने में एक बेटी को जन्म दिया। खराब स्वास्थ्य की वजह से तीन महीने बाद उसकी मौत हो गई।

उसके बाद उन्होंने मुझे 30 जुलाई 2018 को मां के घर भेज दिया। जब मैं हैदराबाद आ गई तो उन्होंने 12 अगस्त को मुझे व्हाट्सऐप के जरिए तलाक दे दिया। उसके बाद वो मेरे किसी भी सवाल को कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। मेरा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से निवेदन है कि वो मेरी मदद करें।

हैदराबाद: तेलंगाना में आसन्न विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने से कई लोग जहां खुलकर अपनी अप्रसन्नता जता रहे हैं वहीं कुछ लोग पुरानी पार्टी का दामन छोड़ नए दल का दामन थाम रहे हैं। इस सभी घटनाक्रमों के कारण तेलंगाना में राजनीतिक जोड़-तोड़ में तेजी दिख रही है। टिकट नहीं मिलने से ज्यादा अप्रसन्नता टीआरएस के सदस्यों ने जताई है। पार्टी की ओर से 105 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद टिकट नहीं पाने वाले लोग खुलकर बोलने लगे हैं। तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं। राज्यपाल द्वारा पिछले सप्ताह विधानसभा भंग किए जाने के बाद टीआरएस प्रमुख और कामचलाऊ सरकार के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने 105 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।

सीट न मिलने से कईयों में नाराजगी

भंग की गई विधानसभा में वारंगल जिले से विधायक कोंडा सुरेखा ने उम्मीदवारों की पहली सूची में अपना नाम नहीं होने पर खुलकर नाराजगी जताई है। सुरेखा आने वाले दिनों में अपनी रणनीति की घोषणा कर सकती हैं।

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